जानें, महादेव और भांग के बीच है कैसा संबंध

Edited By Jyoti,Updated: 18 Jul, 2019 11:15 AM

what is the relationship between mahadev and the cannabis

17 जुलाई से भोलेनाथ का सबसे प्रिय महीना सावन शुरु हो गया है। इस महीने में विशेष तौर पर शिव जी की पूजा-अर्चना की जाती है। भक्तजन भगवान शंकर पर उनकी मनपसंद चीज़ों अर्पित करते हैं।

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17 जुलाई से भोलेनाथ का सबसे प्रिय महीना सावन शुरु हो गया है। इस महीने में विशेष तौर पर शिव जी की पूजा-अर्चना की जाती है। भक्तजन भगवान शंकर पर उनकी मनपसंद चीज़ों अर्पित करते हैं। मगर इनमें से बहुत से ऐसे लोग होते हैं जो इन वस्तुओं का उपयोग तो करते हैं लेकिन इन्हें इनसे जुड़ी कोई जानकारी नहीं होती। आज हम आपको एक बताने वाले सावन की पूजा में मुख्य रूप से उपयोग होने वाली भांग के बारे में कि आख़िर क्यों देवों के देव महादेव को भांग अति प्रिय है।
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अगर हिंदू धर्म के ग्रंथों पर दृष्टि डालें तो इनमें बहुत बार भांग का वर्णन किया गया है। शास्त्रों में इसे मानव हित के एक लिए एक औषधि का नाम भी दिया गया है। चलिए चलिए अब आपकी उत्सुकता को और अधिक न बढ़ाते हुए आपको बताते हैं भांग से जुड़ी खास जानकारी साथ ही जानेंगे कि क्यों शिव जी को भांग अधिक प्रिय है।

भांग एक ऐसा पेय पदार्थ है जो विषैला होता है। कहा जाता है अगर किसी के शरीर में पहले से कोई विष हो, तो यह उस विष को खत्म करने में सक्षम होता है। कई प्रकार के विकारों में इसका इस्तमाल भी किया जाता है। शरीर की त्वचा और घावों आदि को भरने में भी भांग से बनी दवाईयां लाभकारी होती है। कुछ मान्यताओं के अनुसार भांग पांच पवित्र पौधों में से एक हैं और इस खुशी, सुख और आज़ादी का भी स्रोत माना जाता है। भगवान शंकर के लिए रस माना जाता है जिस कारण इसे सोमरस के नाम से भी जाना जाता है।

यहां जानें क्यों भोलेनाथ को अति प्रिय है भांग-
कुछ मान्यताओं के मुताबिक समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत निकला तो उसकी एक बूंद पर्वत मद्रा पर गिर गई। जहां एक पेड़ उत्पन्न हो गया। जिसके बाद सभी देवताओं उसकी पत्तियों का रस निकालकर ने आपस में पिया। कहा जाता है तब से वह रस भगवान शंकर का पसंदीदा रस बन गया।
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इसके अलावा एक अन्य कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान अमृत से पहले विष निकला, जिसे भगवान शंकर ने अपना भोग बनाया। विष पीने से उनकी स्थिति बिगड़ गई और उसके प्रभाव को शांत करने के लिए भगवान शिव को भांग का सेवन कराया गया। जिसके बाद से उनका भांग से एक अनोखा नाता जुड़ गया। तो वहीं कुछ अन्य किंवदंतियों की मानें भांग देवी गंगा की बहन हैं क्योंकि दोनों ही भगवान शंकर से सिर पर निवास करती हैं।

भगवान शिव और भांग के बीच है गहरा संबंध-
पौराणिक कहानियों के आधार पर भगवान शिव का अपने परिवार से मतभेद हो गया जिसके बाद वह जंगल में चले गए। वहां भांग के पौधों के नज़दीक जाकर सो गए। जागने पर उन्होंने कुछ पत्तों का सेवन किया, जिससे उन्हें काफ़ी आनंद और ताज़गी का अनुभव हुआ।
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