Edited By Jyoti,Updated: 18 Aug, 2018 05:24 PM
मृत्यु कुदरत का एक अटल सत्य है। जिसने इस धरती पर जन्म लिया है उसे एक न एक दिन मरना भी है। गरुड़ पुराण के अनुसार, जब किसा व्यक्ति की मौट पास आती है तब यमराज द्वारा उन्हें कुछ संकेत दिए जाते हैं।
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मृत्यु कुदरत का एक अटल सत्य है। जिसने इस धरती पर जन्म लिया है उसे एक न एक दिन मरना भी है। गरुड़ पुराण के अनुसार, जब किस व्यक्ति की मौत पास आती है तब यमराज द्वारा उन्हें कुछ संकेत दिए जाते हैं। कहा जाता है कि जो बुरे कर्म करते हैं उन्हें मृत्यु के समय यमराज के दो दूत दिखने लगते हैं। वहीं अगर बात करें अच्छे कर्मो वालों की तो उन्हें अपने आखिर समय में दिव्य रोशनी दिखने लगती है और उन्हें मृत्यु से भय नहीं लगता।
व्यक्ति के मरने के बाद, अंतिम संस्कार करके उसकी अस्थियां गंगा नदी में विसर्जित की जाती हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि गंगा में अस्थियां विसर्जित करने के बाद ये जाती कहां हैं? नहीं, तो चलिए हम आपको बताते हैं।
इस जगह जाती है अस्थियां
शायद ही कोई इस सवाल का जवाब जानता होगा। यहां तक कि बड़े-बड़े वैज्ञानिक भी इस सवाल का जवाब नहीं जान पाए। तो आईए आज हम यहां आपको आपके इस सवाल के जवाब से रूबरू करवाते हैं। गंगा नदी में हर दिन हज़ारों लोगों की अस्थियां बहाई जाती हैं। सनातन धर्म की मानें तो व्यक्ति की अस्थियां गंगा में इसलिए बहाई जाती हैं ताकि मरने के बाद उसकी आत्मा को शांति मिल सके।
आपको बता दें, अंतिम संस्कार के बाद अस्थियां गंगा में इसलिए बहाई जाती हैं ताकि मरने वाला व्यक्ति पाप मुक्त हो जाए। अगर उसने अपने जीवन में कोई पाप किया होगा तो अस्थियां गंगा में बहाने से वह पाप मुक्त हो जाएगा। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि आखिर अस्थियां विसर्जित होने के बाद कहां जाती हैं?
तो आपको बता दें, अस्थियां विसर्जित होने के बाद सीधे हरि विष्णु के चरणों में यानि ‘बैकुंठ’ लोक में जाती हैं। वहीं, वैज्ञानिकों के अनुसार, पानी में पारा यानि ‘मर्करी’ मौज़ूद होता है जो शरीर में मौजूद कैल्शियम और फ़ास्फ़रोस को पानी में घोल देता है। इस वजह से यह पानी जीव-जंतुओं के लिए बहुत पौष्टिक हो जाता है।
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