मोदी सरकार की छात्रवृत्ति योजना: 5 सालों में 4 करोड़ अनुसूचित जाति के छात्रों को होगा फायदा

Edited By rajesh kumar,Updated: 29 Dec, 2020 07:02 PM

4 crore scheduled caste students will benefit in 5 years

भाजपा के वरिष्ठ नेता और सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने मंगलवार को कहा कि मोदी सरकार का उद्देश्य अनुसूचित जाति श्रेणी के चार करोड़ से ज्यादा छात्रों को अगले पांच सालों के दौरान मैट्रिक के बाद छात्रवृत्ति उपलब्ध कराना है।

नई दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता और सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने मंगलवार को कहा कि मोदी सरकार का उद्देश्य अनुसूचित जाति श्रेणी के चार करोड़ से ज्यादा छात्रों को अगले पांच सालों के दौरान मैट्रिक के बाद छात्रवृत्ति उपलब्ध कराना है। उन्होंने बताया कि फिलहाल ऐसे छात्रों की संख्या 60 लाख है।

2025-26 तक इस पर 59,048 करोड़ रुपये खर्च होंगे
उन्होंने संवाददाताओं को सरकार के उस हालिया फैसले से भी अवगत कराया जिसके तहत छात्रवृत्ति की राशि में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत की जाएगी और बाद में इसे बढ़ाकर 80 प्रतिशत किया जाएगा। उनके मुताबिक 2025-26 तक इस पर 59,048 करोड़ रुपये खर्च होंगे और वंचित वर्ग के छात्रों को समय पर आर्थिक मदद सुनिश्चित होगी।

दो सालों में करीब 1100 करोड़ की रकम ही सालाना खर्च की
उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि पूर्व के फार्मूले के तहत केंद्र ने बीते दो सालों में करीब 1100 करोड़ की रकम ही सालाना खर्च की थी जिससे राज्यों की हिस्सेदारी बढ़ गई थी और 36 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में से लगभग आधों को केंद्र की तरफ से दी जाने वाली सहायता प्राप्त नहीं हो रही थी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अब इस फॉर्मूले को बदल दिया है।

रकम अब सीधे छात्रों के बैंक खातों में डाली जाएगी
उन्होंने कहा कि कई राज्य समय पर छात्रवृत्ति नहीं दे पाते थे या उस रकम का इस्तेमाल किसी और उद्देश्य के लिये कर लेते थे जिससे छात्रवृत्ति नहीं मिलने से अनुसूचित जाति के छात्रों के पढ़ाई छोड़ने के मामले बढ़ रहे थे। उन्होंने कहा कि अब यह बदल जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रकम अब सीधे छात्रों के बैंक खातों में डाली जाएगी और राज्यों के ऐसा करने के बाद ही केंद्र अपना योगदान करेगा।

छात्रवृत्ति का फायदा लेने वाले छात्रों की संख्या 17 प्रतिशत से बढ़कर 23 प्रतिशत हुई
सत्ताधारी दल के अहम दलित नेता गहलोत ने कहा, 'यह एक ऐतिहासिक फैसला है। इससे शिक्षा का स्तर बढ़ेगा। किसी राज्य ने हमारी घोषणा का विरोध नहीं किया है।' उन्होंने कहा कि मैट्रिक के बाद छात्रवृत्ति का फायदा उठाने वाले छात्रों की संख्या 2014-15 के 17 प्रतिशत से बढ़कर 23 प्रतिशत हो गई है और सरकार लाभार्थियों की संख्या को 27 प्रतिशत तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है।

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