42,503 छात्रों के दोबारा दाखिले के लिए अदालत में अर्जी, 10वीं में कंपार्टमेंट के बाद नहीं मिली एडमिश

Edited By Sonia Goswami,Updated: 24 Aug, 2018 10:09 AM

admission not available after compartment in 10th

सब्जेक्ट में फेल हुए कई स्टूडेंट्स आगे की पढ़ाई के लिए चक्कर काट रहे हैं। दिल्ली सरकार के स्कूलों में सीबीएसई के इन स्टूडेंट्स का कहना है कि कंपार्टमेंट आने के बाद उनकी आगे की पढ़ाई मुश्किल में पड़ गई है।

नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यालालय में अर्जी दायर कर दिल्ली सरकार को इस साल दसवीं की परीक्षा में फेल हो गए 42,503 विद्यार्थियों को फिर से दाखिला देने का निर्देश देने की दरख्वास्त की गई है।  इस अर्जी पर कल मुख्य न्यायाधीश न्यायमूतर्ति राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वी.के. राव की पीठ में सुनवाई हो सकती है।

 

सोशल ज्यूरिस्ट नामक एनजीओ ने लंबित एक याचिका में ही यह अर्जी दायर की है। पिछली याचिका राष्ट्रीय राजधानी के सरकारी विद्यालयों में 400 से अधिक बच्चों को प्रवेश से वंचित करने के सिलसिले में थी। 

 

एनजीओ के वकील अशोक अग्रवाल ने कहा कि इस साल 10वीं की परीक्षा में फेल गए 42,503 बच्चों को फिर से प्रवेश देने से इनकार करना दिल्ली स्कूल शिक्षा नियमावली का उल्लंघन है। अर्जी में आरोप लगाया गया है कि इन बच्चों को उन्हीं विद्यालयों में दाखिला देने के बजाय उन्हें स्थानांतरण प्रमाण पत्र लेने और राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान का मार्ग अपनाने के लिए बाध्य किया गया है । अर्जी के अनुसार इस साल सरकारी विद्यालयों के 1,36,663 विद्यार्थियों ने दसवीं की परीक्षा दी जिनमें से 94,160 उत्तीर्ण हुए और 42,503 अनुत्तीर्ण हो गये। अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों ने पूरक परीक्षा दी लेकिन वे उसमें भी फेल हो गए।       
 
 

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