बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने दिए उत्तराखंड सरकार को शिक्षा का स्तर सुधारने के सुझाव

Edited By Updated: 16 Mar, 2018 03:48 PM

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उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रदेश सरकार को राज्य में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर पर बच्चों ...

नई दिल्ली : उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रदेश सरकार को राज्य में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर पर बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने और उन्हें अपने पैरों पर खडे होने में सहयोग के लिए कुछ सुझाव दिये। आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र खंडूरी ने प्रदेश के मुख्य सचिव को लिखे एक पत्र में कहा,‘ अगर हम अपने बच्चों को अपने पैरों पर खडा होते देखना चाहते हैं और राष्ट्रीय तथा अंतरराष्टीय स्तर पर प्रतियोगिता में सफल होते देखना चाहते हैं तो हमें उन्हें प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर पर गुणवत्तापरक शिक्षा देनी होगी।‘  

एनसीईआरटी द्वारा वर्ष 2017 के लिए प्रदेश में कक्षा तीन से कक्षा आठ के बच्चों पर किये गये एक सर्वेंक्षण का हवाला देते हुए खंडूरी ने कहा कि इन स्तरों पर उपलब्ध करायी जा रही शिक्षा का स्तर दयनीय है।  आयोग का ​शिक्षा के क्षेत्र में सुझाव देने के अपने अधिकार का जिक्र करते हुए खंडूरी ने कहा कि राज्य सरकार को इन शुरूआती स्तरों पर शिक्षा का अधिकार अधिनियम सही अर्थों में लागू कर देना चाहिये। उन्होंने कहा कि साठ छात्रों पर एक शिक्षक, 60—90 छात्रों पर तीन शिक्षक, 91—120 तक चार शिक्षकों तथा 121—200 छात्रों पर पांच से ज्यादा शिक्षक होने चाहिए। खंडूरी ने शिक्षा के लिए ज्यादा बजट देने और स्कूल में पढाने वाले शिक्षकों के ट्यूशन पढाने पर रोक लगााने को भी कहा है।  
 

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