Edited By rajesh kumar,Updated: 14 Apr, 2021 01:17 PM
कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि के मद्देनजर 10वीं और 12वीं कक्षाओं की आगामी बोर्ड परीक्षाओं को रद्द किए जाने की मांग तेज होने के बीच केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने मंगलवार को कहा कि उसने इस संबंध में अभी तक कोई...
एजुकेशन डेस्क- कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि के मद्देनजर 10वीं और 12वीं कक्षाओं की आगामी बोर्ड परीक्षाओं को रद्द किए जाने की मांग तेज होने के बीच केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने मंगलवार को कहा कि उसने इस संबंध में अभी तक कोई फैसला नहीं किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार से परीक्षा रद्द करने की अपील करते हुए कहा कि परीक्षा केंद्र वायरस के संक्रमण को फैलने में सहायक साबित हो सकते हैं और मूल्यांकन के लिए वैकल्पिक तरीकों का पता लगाया जाना चाहिए।
सीबीएसई के अधिकारियों ने "अभी तक" की योजना में किसी भी तरह के बदलाव से इनकार किया और जोर दिया कि परीक्षा केंद्रों में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि कर सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने की व्यवस्था की जा रही है। परीक्षाएं चार मई से शुरू होने वाली हैं। बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि परीक्षाएं रद्द नहीं की जा सकतीं क्योंकि इनकी प्रकृति महत्वपूर्ण हैं और इन्हें ऑनलाइन आयोजित नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि बोर्ड कोविड संबंधी दिशानिर्देशों के अनुसार सभी आवश्यक उपाय कर रहा है तथा परीक्षा केंद्रों की संख्या में भी वृद्धि की गई है। हालांकि सूत्रों ने संकेत दिया कि यदि स्थिति बिगड़ती है तो बोर्ड परीक्षा को स्थगित करने पर विचार कर सकता है। हालांकि अधिकारी ने कहा, "अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है"। बोर्ड ने इस महीने की शुरुआत में घोषणा की थी कि यदि कोई छात्र या उसके परिवार को कोई सदस्य वायरस से संक्रमित हो जाता है और छात्र प्रायोगिक परीक्षा में शामिल नहीं हो पाता है तो स्कूल उनके लिए उचित समय पर फिर से परीक्षा का आयोजन करेगा। हालांकि सीबीएसई अधिकारी ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की कि क्या छात्रों को थ्योरी परीक्षा में भी ऐसी छूट दी जाएगी।
इससे पहले केजरीवाल ने कहा कि परीक्षाएं आयोजित करने से संक्रमण व्यापक स्तर पर फैल सकता है और परीक्षा केंद्रों में संक्रमण के बड़ी संख्या में मामले सामने आ सकते हैं। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘दिल्ली में छह लाख बच्चे सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) की परीक्षा देंगे। करीब एक लाख अध्यापक इसमें (इन परीक्षाओं के आयोजन में) शामिल होंगे। इनमें (परीक्षा केंद्रों में) संक्रमण के मामले बड़ी संख्या में सामने आ सकते है, जिसके कारण व्यापक स्तर पर संक्रमण फैल सकता है। बच्चों का जीवन और स्वास्थ्य हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मैं केंद्र से सीबीएसई परीक्षाएं रद्द करने की अपील करता हूं।'' उन्होंने कहा कि सीबीएसई ऑनलाइन परीक्षाओं और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर छात्रों को अगली कक्षाओं में भेजने जैसे तरीकों को खोज सकता है।