Edited By Riya bawa,Updated: 17 Jun, 2019 01:03 PM
शिक्षा के लिए छात्र को जरूरत होती...
नई दिल्ली, (पुष्पेंद्र मिश्र): शिक्षा के लिए छात्र को जरूरत होती है एक शिक्षक की जिसके हाथ में छात्र का सर्वांगीण विकास होता है मगर दिल्ली के 1000 से अधिक सीनियर सेंकेंडरी स्कूलों में शिक्षकों की ही भारी कमी है जिसके कारण कई स्कूलों में जहां एक टीचर पर सिर्फ 35-40 बच्चे एक सेक्शन में होने चाहिए वहां वह 80-90 बच्चों को संभाल रहा है। शिक्षा निदेशालय ने हाल ही में कुछ ऐसे स्कूलों को गोद लेने को कहा था जिनका रिजल्ट प्रतिशत खराब रहा। लेकिन असल समस्या अध्यापकों की कमी है।
डीएसएसएसबी को 20 हजार पदों को भरने के लिए कहा गया है। गवर्नमेंट स्कूल टीचर्स एसोसिएशन के एसपी सिंह कहते हैं कि दिल्ली के स्कूलों में अध्यापकों की तकरीबन 35 प्रतिशत पोस्ट खाली हैं। इतना ही नहीं प्रिंसिपलों की खाली पोस्ट का मामला तो और बड़ा है तकरीबन आधे स्कूलों में प्रिंसिपल ही नहीं है। जबकि स्कूल में एक प्रिंसिपल और 2 वाइस प्रिंसिपलों का होना जरूरी होता है।
शिक्षा निदेशालय में ओएसडी विकास कालिया ने खाली पदों की बात को मानते हुए कहा कि उन्होंने तकरीबन 20 हजार शिक्षकों के पदों को भरने के लिए डीएसएसएसबी को कहा है। अखिल भारतीय अभिभावक संघ के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा दिल्ली सरकार के स्कूलों में मौजूदा समय में ही करीब 15 हजार तो प्रस्तावित पद खाली हैं।