Edited By bharti,Updated: 15 Apr, 2019 06:03 PM
दिल्ली में निजी स्कूलों की मनमानी के चलते अभिभावकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, सरकारी...
नई दिल्ली: दिल्ली में निजी स्कूलों की मनमानी के चलते अभिभावकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, सरकारी आलाकमान को यह तक नहीं पता कि सरकार की जमीन पर कितने निजी स्कूल चल रहे हैं। इसका खुलासा दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन (डीपीए) ने आरटीआई के माध्यम से किया है। डीपीए ने आरटीआई के माध्यम से शिक्षा निदेशालय से सरकारी जमीन पर चल रहे निजी स्कूलों की सूची मांगी थी। लेकिन निदेशालय की स्कूल ब्रांच के पास डीडीए या सरकारी जमीन पर बने स्कूलों का ब्यौरा नहीं है। ज्ञात हो कि एसोसिएशन की अध्यक्षा अपराजित गौतम ने बीते साल नवंबर में आरटीआई के जरिए डीडीए से सभी स्कूलों की विस्तृत जानकारी मांगी थी जिसके बाद डीडीए ने आरटीआई को शिक्षा निदेशालय संबंधित ब्रांच को भेज दी थी।
गौरतलब है कि एसोसिएशन ने आरटीआई के माध्यम से 13 सवाल किए थे। लेकिन सभी सवाल का जवाब एक ही था। इस बारे में बताते हुए एसोसिएशन की अध्यक्ष अपराजिता ने कहा कि 13 प्रश्नों की जानकारी निदेशालय के पास नहीं थी। आरटीआई के माध्यम से डीडीए की जमीन पर बने मान्यता प्राप्त निजी अनएडेड स्कूलों और डीडीए के जमीन पर गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची मांगी गई थी। किंतु उनके पास जवाब नहीं था। सरकार की नियत पर सवाल उठाते हुए अपराजिता ने कहा कि सरकार एक तरफ शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त और सस्ता करने की बात करती है, किंतु सरकार की जमीन पर बने निजी स्कूलों का ब्यौरा उनके पास नहीं है। इसे साफ पता चलता है कि सरकार सिर्फ अभिभावक और गरीबों के साथ रहने का नाटक करती है।