असम में सामान्य शिक्षण संस्थानों के रूप में काम करेंगे मदरसे और संस्कृत विद्यालय
Edited By rajesh kumar,Updated: 15 Dec, 2020 12:43 PM
असम के शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि राज्य में सरकार द्वारा संचालित मदरसे और संस्कृत विद्यालय सामान्य शिक्षण संस्थान के रूप में काम करेंगे और इन्हें मौजूदा रूप में बंद करने के लिये विधानसभा के शीतकालीन सत्र में एक विधेयक पेश किया जाएगा।
एजुकेशन डेस्क: असम के शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि राज्य में सरकार द्वारा संचालित मदरसे और संस्कृत विद्यालय सामान्य शिक्षण संस्थान के रूप में काम करेंगे और इन्हें मौजूदा रूप में बंद करने के लिये विधानसभा के शीतकालीन सत्र में एक विधेयक पेश किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि असम में सरकारी मदरसों को बंद करना ऐतिहासिक कदम है और इसका उद्देश्य राज्य की पूरी शिक्षा व्यवस्था को धर्मनिरपेक्ष रूप देना है।
सरमा ने यहां संवादताता सम्मेलन में कहा कि राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड को 2021-22 अकादमिक वर्ष की परीक्षाओं के नतीजे घोषित किये जाने की तिथि को भंग कर दिया जाएगा और सभी रिकॉर्ड बैंक अकाउंट तथा कर्मचारियों को असम के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य मदरसा बोर्ड के कर्मचारियों की सेवाएं लेगी और सेवानिवृत्ति तक सेवा शर्तों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
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