Edited By Sonia Goswami,Updated: 21 Jul, 2018 10:17 AM
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित तौर पर भारत विरोधी नारेबाजी की एक घटना के सिलसिले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के अपीलीय प्राधिकार द्वारा पूर्व छात्र कन्हैया कुमार के खिलाफ 10 हजार रुपए के जुर्माने के आदेश को शुक्रवार को निरस्त कर दिया।
नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित तौर पर भारत विरोधी नारेबाजी की एक घटना के सिलसिले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के अपीलीय प्राधिकार द्वारा पूर्व छात्र कन्हैया कुमार के खिलाफ 10 हजार रुपए के जुर्माने के आदेश को शुक्रवार को निरस्त कर दिया।
जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल ने कहा कि जेएनयू प्रशासन का आदेश अनगिनत बिंदुओं पर टिकने योग्य नहीं है. इसके बाद विश्वविद्यालय के वकील ने दलील दी कि वह इस फैसले को वापस ले रहे हैं।
अदालत ने यह विषय अपीलीय प्राधिकार को सौंपते हुए उसे नए सिरे से कानून के मुताबिक कार्रवाई शुरू करने को कहा।
इस महीने की शुरुआत में जेएनयू पैनल ने कन्हैया कुमार और उमर ख़ालिद के दंड को बरक़रार रखा था। कन्हैया कुमार ने जेएनयू पैनल के चार जुलाई के आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए 17 जुलाई को उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। कुमार को अनुशासनहीनता को लेकर दोषी ठहराया गया था और उन पर जुर्माना लगाया गया था।
नारेबाज़ी की घटना के सिलसिले में कन्हैया कुमार पर 10,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया था। 2016 में नौ फरवरी का जेएनयू में संसद भवन पर हमले के दोषी अफ़ज़ल गुरु से संबंधित एक कार्यक्रम में कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाए गए थे।