नेत्रहीन ने पास की UPSC परीक्षा, पढ़ाई करने का था ये अनोखा तरीका

Edited By Riya bawa,Updated: 21 Aug, 2020 02:56 PM

ias success story of ankurjit singh

हर जीवन की कहानी एक सी नहीं होती, ...

नई दिल्ली: हर जीवन की कहानी एक सी नहीं होती, लेकिन किसी मोड़ पर कुछ ऐसा होता है जिससे पूरी कहानी बदल जाती है। बहुत से उम्मीदवार अपना ख्वाब पूरा करने के लिए वर्षों तैयारी करते हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो पहले ही प्रयास में और बेहद कम उम्र में यह उपलब्धि हासिल कर लेते हैं। इन्हीं होनहारों में से एक हैं अंकुरजीत सिंह जिसने  अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा कर एक मिसाल पेश की है। 

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बता दें कि अंकुर देख नहीं सकते, वे जब स्‍कूल में थे तब उनकी आंखों की रोशनी बचपन में धीरे-धीरे खोने लगी थी और आखिरकार एक वक्‍त ऐसा आ गया कि उन्‍हें दिखना बंद हो गया। इन हालातों में भी उन्‍होंने धैर्य नहीं खोया वे परिस्‍थतियों से लड़ते रहे इसका नतीजा है कि आज उन्‍होंने देश की सबसे प्रतिष्‍ठित और मुश्‍किल परीक्षा सिविल सर्विस की परीक्षा पास कर ली। 

परीक्षा में 414 रैंक की हासिल 
अंकुर ने साल 2017 में UPSC की परीक्षा में 414 रैंक हासिल की है। बिना आंखों की रोशनी के भी उन्होंने तपस्या और हर पल संघर्ष,करके UPSC परीक्षा पास की। 

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ये है अंकुर का सफर 
-हरियाणा के यमुनानगर से ताल्‍लुक रखने वाले अंकुरजीत बचपन से ही पढ़ाई में काफी मेधावी थे, लेकिन उन्हें धीरे-धीरे कम दिखने लगा था और पढ़ने में दिक्‍कत होने लगी थी। 

-अंकुरजीत को ब्लैकबोर्ड देखने तक में दिक्कत आने लगी थी। इस दौरान एक दिन खेल-खेल में उन्हें पता चला कि उन्हें देखने में मुश्किल आ रही है, जब पढ़ने के दिन आए तो उनकी आंखों की रोशनी जा चुकी है। 

मम्‍मी से सुनकर करते थे पढ़ाई
मीडिया सूत्रों से पता चला कि अंकुरजीत की मम्‍मी का कहना है कि जब उन्‍हें अपने बच्चे की समस्या का पता चला तो जो भी वह स्कूल से पढ़कर आता था तो रात को उसे पढ़कर सुनाती थी, इस तरह से वे सुनकर पढ़ाई करता था। 

स्‍कूल से पहले कोर्स खत्‍म कर लेते
अंकुर की दसवीं तक की पढ़ाई गांव के सरकारी स्कूल से ही हुई है। जब गर्मियों की छुट्टियों में बच्चे खेलते और मस्ती करते थे तब अंकुरजीत मां के मदद से सारी किताबें पहले ही पढ़ लेते थे ताकि जब क्लास में टीचर पढ़ाएं तब वह सुनकर ही सब कुछ समझ लें। 

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आईआईटी का भरा फॉर्म 
अंकुरजीत जब 12वीं में पढ़ते थे तो उनकी टीचर ने कहा कि तुम आईआईटी का फॉर्म क्यों नहीं भर लेते। अंकुरजीत ने फॉर्म भरा और उनका एडमिशन आईआईटी रुढ़की में हो गया था। अंकुरजीत के आईआईटी में कई दोस्त यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे,इसलिए उन्‍होंने भी तैयारी शुरू कर दी। 

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ऐसे की UPSC की तैयारी
अंकुरजीत ने UPSC की तैयारी टेक्‍नोलॉजी और दोस्‍तों की मदद से पूरी की। दरअसल आईआईटी ने उन्हें टेक्नॉलॉजी के काफी करीब ला दिया था, जहां कहीं उन्‍हें पढ़ने-समझने में समस्‍या होती थी तो वह स्क्रीन रीडर की मदद से किताबें पढ़ने लगे।  इसके अलावा भी अगर वे कहीं फंसते थे तो वे दोस्‍तों से मदद लेते थे। 

आखिरकार अंकुरजीत की मेहनत रंग लाई और साल 2017 में उन्‍हें UPSC की परीक्षा में सफलता मिल गई। बीटेक की पढ़ाई के दौरान भी अंकुर ने यूपीएससी की परीक्षा दी थी लेकिन तब वे इस परीक्षा को क्रैक नहीं कर पाए थे, लेकिन उन्‍होंने दूसरे प्रयास में ही एग्‍जाम में 414वीं रैंक हासिल कर ली। 

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