Edited By bharti,Updated: 18 Nov, 2018 02:59 PM
आज के समय में हर व्यक्ति उच्च शिक्षा हासिल करने या काम की तलाश में विदेश जाने की इच्छा रखता है,लेकिन विदेश जाना ....
नई दिल्ली : आज के समय में हर व्यक्ति उच्च शिक्षा हासिल करने या काम की तलाश में विदेश जाने की इच्छा रखता है,लेकिन विदेश जाना इतना आसान नहीं है। विदेश में पढ़ाई के लिए आवेदन करने और वहां जाकर बसने के लिए अप्लाई करने से पहले एक टेस्ट पास करना होता है। उस टेस्ट में मिले ग्रेड के हिसाब से ही विदेशी सरकारी आपको वीजा देती है। एेसे में अगर आप भी विदेश जाकर पढ़ाई करने की इच्छा रखते है तो आइए जानते है इस टेस्ट के बारे में
IELTS
यह इंग्लिश लैंग्वेज का टेस्ट है। अगर कोई उन देशों में जाकर काम करना चाहता या फिर पढ़ना चाहता है, जहां इंग्लिश संचार की मुख्य भाषा है तो यह टेस्ट देना पड़ता है। इसकी फुल फॉर्म इंटरनैशल इंग्लिश लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम है। जिन देशों की यूनिवर्सिटियों में दाखिले के लिए आईईएलटीएस को स्वीकार किया जाता है, उनमें यूके, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूएस और कनाडा अहम हैं। टेस्ट के दौरान किसी कैंडिडेट की इंग्लिश पढ़ने, बोलने, सुनने और लिखने की स्किल्स परखी जाीत है।
यह होनी चाहिए योग्यता
IELTS एग्जाम देने के लिए आवेदक की उम्र 16 साल से ज्यादा होनी चाहिए। संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, यूके, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में स्टडी के लिए जो छात्र आवेदन करते हैं उनको एग्जाम देना पड़ता है। जो मेडिकल प्रफेशनल्स संयुक्त राज्य अमेरिका, यूके और ऑस्ट्रेलिया में काम करने या अपनी स्टडी करना चाहते हैं, उनको भी टेस्ट देना होता है। इसके अलावा जो लोग कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में स्थायी रूप से बसना चाहते हैं, उनको भी यह टेस्ट देना होता है।
दो प्रकार का होता है टेस्ट
IELTS दो टेस्ट फॉर्मेट में उपलब्ध होते हैं। एक टेस्ट ऐकडेमिक होता है और दूसरा जनरल। अगर किसी को विदेश में पढ़ने जाना है तो उसे ऐकडेमिक IELTS देना होता है। वर्क वीजा या स्थायी रूप से उन देशों में बसने के लिए जनरल IELTS टेस्ट देना होता है। टेस्ट कुल 2 घंटे और 45 मिनट का होता है। एग्जाम हर साल 48 अलग-अलग तारीखों पर होता है। आप अपनी सुविधा के मुताबिक कोई भी तारीख चुन सकते हैं।
एग्जाम पैटर्न
IELTS के सिलेबस में चार सेक्शन होते हैं। वे चार सेक्शन पढ़ना, सुनना, बोलना और लिखना शामिल है। किसी भी कैंडिडेट की मार्किंग इन चार सेक्शनों के आधार पर की जाती है और ओवरऑल IELTS स्कोर तैयार किया जाता है। कुल स्कोर सभी चार स्किल एरिया में प्राप्त स्कोरों का योग होता है।
स्कोरिंग
सभी चार स्किल में 1 से लेकर 9 स्केल तक स्कोर दिया जाता है। इसके अलावा ओवरऑल स्कोर भी दिया जाता है।