Edited By pooja,Updated: 05 Dec, 2018 10:23 AM
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक विवाद के बाद अपनी पहल ‘भाषा संगम’ के तहत कुछ वाक्यों का कश्मीरी अनुवाद वापस ले लिया है।
नई दिल्ली: मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक विवाद के बाद अपनी पहल ‘भाषा संगम’ के तहत कुछ वाक्यों का कश्मीरी अनुवाद वापस ले लिया है।
गत सप्ताह मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने भाषायी विविधता का जश्न ‘भाषा संगम’ पहल शुरू की थी। इसका उद्देश्य संविधान की आठवीं अनुसूची के तहत आने वाली 22 भाषाओं के सामान्य संवादों से प्रत्येक बच्चे को अवगत कराना था। विवाद वाक्यों के अंग्रेजी से कश्मीरी, कश्मीरी से रोमन और कश्मीरी से देवनागरी में गलत अनुवाद को लेकर उत्पन्न हुआ।
मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘भाषा संगम के तहत कश्मीरी में वाक्य अनुवाद एनसीईआरटी ने कश्मीर के जम्मू कश्मीर विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के भाषायी विशेषज्ञों के सहयोग से तैयार किया था। मानव संसाधन विकास मंत्रालय उठाये गए मुद्दों को लेकर संवेदनशील है और इसलिए उसने उन्हें वापस लेने का निर्णय किया है।’’ पहल के तहत सीबीएसई ने एक सर्कुलर जारी करके स्कूलों से 22 दिन तक प्रत्येक भाषा के लिए एक दिन सर्मिपत करने के लिए कहा था।