Edited By ,Updated: 20 May, 2017 11:24 AM
टीचर बनने के लिए ली जाने वाली परीक्षा यूजीसी...
नई दिल्ली : टीचर बनने के लिए ली जाने वाली परीक्षा यूजीसी -नैशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (NET) और सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (CTET) की परीक्षा फिलहाल साल में दो बार ही करवाई जाएगी। हालांकि, सीबीएसई चाहती है कि ये दोनों टेस्ट साल में एक बार ही आयोजित किए जाएं, जिससे उसपर कई टेस्ट कराने का बोझ कुछ कम हो। एचआरडी मिनिस्ट्री सीबीएसई की इस मांग को मानने के मूड में नहीं है और मिनिस्ट्री इसपर कोई विचार भी नहीं कर रही है। NET और CTET साल में एक बार कराने या अभी की तरह दो बार कराने का फैसला नैशनल टेस्टिंग एजेंसी करेगी। अभी यह एजेंसी बनने की प्रक्रिया चल रही है।
CBSE ही कराएगी टेस्ट
एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर से इस मामले में पूछे जाने पर कि सीबीएसई पर टेस्ट कराने का एक्स्ट्रा बोझ है, उन्होंने कहा कि जब तक नैशनल टेस्टिंग एजेंसी नहीं बन जाती, तब तक सीबीएसई ही टेस्ट कराएगी। यह पूछने पर कि यह साल में क्या अब एक बार ही होगा, जावड़ेकर ने जवाब दिया कि अभी जैसा चल रहा है, वैसा ही चलेगा। हम इस मसले पर अभी कुछ नहीं कर रहे हैं। यह काम बाद में नैशनल टेस्टिंग एजेंसी करेगी। उन्होंने उम्मीद जताई के अगले साल तक नैशनल टेस्टिंग एजेंसी बन जाएगी।
'प्रतियोगी परीक्षाएं साल में एक बार, ये दो बार क्यों'
नैशनल लेवल पर होने वाले ये दोनों टेस्ट अभी साल में दो बार होते हैं और इन्हें सीबीएसई करवाती है। जहां NET यूनिवर्सिटी और कॉलेज में फैकल्टी बनने के लिए जरूरी है, वहीं इसके आधार पर ही जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) दी जाती है। CTET स्कूल टीचर्स बनने के लिए होता है। पहली क्लास से 8वीं क्लास तक के टीचर बनने के लिए यह टेस्ट होता है। सीबीएसई का इन टेस्ट को साल में दो बार की बजाय एक बार कराने के पीछे यह तर्क है कि जब सभी अहम प्रतियोगी परीक्षाएं साल में एक बार ही होती हैं तो NET और CTET को साल में दो बार क्यों कराया जाए। इसके लिए बहुत तैयारी करनी होती है और एक तरीके से कैंडिडेट भी इसे सीरियसली नहीं लेते, क्योंकि उन्हें साल बर्बाद होने का डर नहीं रहता।