निदेशालय नहीं दे रहा उर्दू व पंजाबी भाषा पर ध्यान

Edited By pooja,Updated: 05 Dec, 2018 11:55 AM

meditation on urdu and punjabi language not giving direction to directorate

राजधानी के सरकारी स्कूलों में 59 फीसदी से भी ज्यादा उर्दू व पंजाबी शिक्षकों की सीट खाली हैं। सरकारी स्कूलों में उर्दू और पंजाबी भाषा के लिए 2051 टीजीटी पद आवंटित किया गया हैं

नई दिल्ली : राजधानी के सरकारी स्कूलों में 59 फीसदी से भी ज्यादा उर्दू व पंजाबी शिक्षकों की सीट खाली हैं। सरकारी स्कूलों में उर्दू और पंजाबी भाषा के लिए 2051 टीजीटी पद आवंटित किया गया हैं, जिसमें अभी तक सिर्फ 821 शिक्षकों की ही भर्ती हुई हैं। इसमें से उर्दू भाषा के लिए 1028 सीटें है, जिनमें से सिर्फ 45 फीसदी सीटों में ही शिक्षकों की भर्ती हुई हैं।

 

वहीं दूसरी तरफ पंजाबी भाषा का हाल तो उर्दू से भी ज्यादा खराब है। पंंजाबी भाषा में टीजीटी पद के लिए 1023 सीट आंवटित की गई है, जबकि इनमें से सिर्फ 36 फीसदी सीटें ही भरी गई हैं। दरअसल, दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग द्वारा शिक्षा निदेशालय से पूछा था कि दोनों भाषाओं के सीटों पर भर्ती के लिए क्या कदम उठा जा रहा है और फिलहाल कितने रिक्त है। इसका जबाव शिक्षा निदेशालय के सहायक निदेशक ने जवाब दिया, इसमें कहा कि उर्दू भाषा के लिए आंवटित 1028 पदों से 571 पद व पंजाबी भाषा में 1023 पदों में से 659 पद खाली हैं।  

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