बिहार में इंजीनियरों के आधे से अधिक पद खाली,कार्यपालक सहायक के सहारे चल रहा काम

Edited By Sonia Goswami,Updated: 12 Nov, 2018 02:39 PM

more than half of the engineers in bihar are vacant

राज्य के कुल 8386 पंचायतों में 5100 में पंचायत सचिव के पद लंबे समय से रिक्त है। अर्थात करीब 61 फीसदी पंचायतों में सचिव का कार्य अतिरिक्त प्रभार अथवा कार्यपालक सहायक के सहारे चल रहा है।

पटनाः राज्य के कुल 8386 पंचायतों में 5100 में पंचायत सचिव के पद लंबे समय से रिक्त है। अर्थात करीब 61 फीसदी पंचायतों में सचिव का कार्य अतिरिक्त प्रभार अथवा कार्यपालक सहायक के सहारे चल रहा है। इससे पंचायतों द्वारा किए जाने वाले कार्यों को पूरा करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। पंचायत सचिव की कमी को देखते हुए पंचायती राज विभाग ने जिलों को निर्देश दिया था कि सभी पंचायतों में एक-एक कार्यपालक सहायक की संविदा पर नियुक्ति करें। 

 

पंचायत कार्यालयों में कर्मचारी नियमित रूप से बैठें। अब तक 3000 कार्यपालक सहायकों का ही योगदान जिलों द्वारा कराया जा सका है। विभाग ने जिलों को सभी पंचायतों में कार्यपालक सहायकों के योगदान कराने का निर्देश दिया है। विभाग का दावा है कि पंचायत सचिव के रिक्त पदों को जल्द भर लिया जाएगा। इसके लिए पूर्व में ही 3161 पंचायत सचिवों की नियुक्ति की अधियाचना राज्य कर्मचारी चयन आयोग के भेजा गई थी। नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद 1590 और पंचायत सचिव के पदों पर नियुक्ति की अधियाचना विभाग ने भेजी है।

 

कब-कब हुई बहाली 
वर्ष 2004 में लगभग 400, 2008 में 400 तो 2014 में 1300 इंजीनियरों की बहाली हुई। 2017 में 1400 से अधिक पदों पर बहाली की प्रक्रिया शुरू हुई है, जो अब तक पूरी नहीं हुई है। इंजीनियरों की कमी का असर कार्यों पर होता है। नियम अनुसार हर साल खाली पदों की अधियाचना भेजी जानी चाहिए ताकि बहाली हो सके पर ऐसा नहीं हो रहा है। समय पर बहाली नहीं होने से प्रोमोशन पर भी असर होता है और हर साल बिना प्रोमोशन के ही इंजीनियर सेवानिवृत्त हो जा रहे हैं। 

 

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