Edited By pooja,Updated: 19 Mar, 2019 10:02 AM
दिल्ली पुलिस ने पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर गांव में कथित रूप से मुद्रण प्रेस चलाने वाले 28 वर्षीय शख्स के पास से एनसीईआरटी की अनाधिकृत रूप से प्रकाशित 30,000
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर गांव में कथित रूप से मुद्रण प्रेस चलाने वाले 28 वर्षीय शख्स के पास से एनसीईआरटी की अनाधिकृत रूप से प्रकाशित 30,000 से ज्यादा किताबों को बरामद किया है जिनकी कीमत करीब 50 लाख रुपये है। अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजीव रंजन ने बताया कि पुलिस को पुख्ता सूचना मिली थी जिसके बाद एनसीईआरटी की टीम के साथ छापेमारी की कार्रवाई की गई और 12 मार्च को आरोपी अभिषेक चौधरी उर्फ गोल्डी को गिरफ्तार कर लिया गया। वह शकरपुर का रहने वाला है।
उन्होंने बताया कि सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में मानव संसाधान विकास मंत्रालय द्वारा एनसीईआरटी की किताबों को अनिवार्य करने के बाद इनकी मांग में एकाएक बढ़ोतरी हुई है। रंजन ने बताया कि कक्षा छठी से 12वीं तक की गणित, हिन्दी, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, रसायन शास्त्र, इतिहास की एनसीईआरटी की किताबों की प्रेस में अनाधिकृत छपाई की जा रही थी।
चौधरी एनसीईआरटी वाटर-मार्क कागका चावड़ी बाजार से लाता था। इसके बाद किताबों को तैयार करके उत्तर और दक्षिण भारत के अलग अलग राज्यों में वितरित करता था। अधिकारी ने बताया कि प्रतिलिप्यधिकार अधिनियम के तहत उचित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी बीकॉम कर रहा था लेकिन उसने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी और प्रेस में अपने पिता की मदद करने लग गया था। साल 2017 में वह करावल नगर इलाके में रहने वाले राहुल जैन के संपर्क में आया जो ऑफसेट प्रेस चलाता है। उसे जैन के जरिए पता चला कि एनसीईआरटी की किताबों के अनाधिकृत प्रकाशन में काफी मुनाफा है क्योंकि इनकी हमेशा कमी रहती है।