इन आदतों की वजह से प्रोफेशनल नहीं बन पाते लोग

Edited By bharti,Updated: 17 Aug, 2018 05:43 PM

people can not become professional due to these habits

हर कोई चाहता है कि वह अपने करियर में सफल होने हो और एक बेहतरीन प्रोफैशनल कहलाएं । किसी भी...

नई दिल्ली : हर कोई चाहता है कि वह अपने करियर में सफल होने हो और एक बेहतरीन प्रोफैशनल कहलाएं । किसी भी कंपनी की पहली पंसद प्रोफेशनल लोग ही होते है ताकि वह ठीक ढ़ग से काम करें और कंपनी को फायदा पहुंचाएं। वर्कप्लेस में आपके तौर-तरीके और बर्ताव ही आपको लंबी रेस का घोड़ा बना सकते हैं। आजकल कॉर्पोरेट वर्ल्ड में ‘प्रोफेशनलिज्म’ की बहुत डिमांड है। प्रोफेशनल होने का मतलब है कि यदि आप किसी संस्था में काम कर रहे हैं तो आपको एक निश्चित तरीके से काम करना होता है। आइए जानते है कुछ एेसे टिप्स के बारे में जो आपको प्रोफैशनल बनने की राह में रुकावट बनते है। 

कॉल्स में बिजी रहना
किसी भी संस्था में कॉल्स उठाने पर बैन नहीं लगाया जाता है। यदि कोई अर्जेंट कॉल है तो आप बेझिझक उसका जवाब दे सकते हैं। लेकिन वर्कप्लेस में बैठकर घंटों अपनी सहेली से बाते करना या पार्टनर से फोन पर झगड़े सुलझाना आदि नहीं कर सकते हैं। अपने पर्सनल कॉल्स आपको ऑफिस खत्म होने के बाद ही लेने चाहिए।

सोशल मीडिया पर लगे रहना
दिन में एक बार फेसबुक या इंस्टाग्राम चेक कर लेना ठीक है। लेकिन बार-बार अपना काम छोड़कर सोशल मीडिया अपडेट्स पर ध्यान देना आपकी ही प्रोडक्टिविटी को कम करता है। भले ही आपका काम सोशल मीडिया से जुड़ा है। मगर इसका मतलब यह नहीं है कि आप काम की आड़ में कमेंट्स और चैट्स करेंगे तो आपके को-वर्कर्स या टीम लीड को पता नहीं चलेगा।

लेट होने की आदत बना लेना
कुछ लोग लेट होने को कूल मानने लगे हैं। मगर सच मानिए, इस आदत की वजह से सामने वाले पर बहुत खराब इम्प्रेशन पड़ता है। कभी-कभी 5-10 मिनट लेट हो जाना चलता है। लेकिन रोज ही आधे-एक घंटे लेट होना आपको ‘अनप्रोफेशनल’ बनाता है। साथ ही ‘लेट-लतीफ’ का टैग आपको सभी की नज़रों से गिरा देता है

गॉसिप करना
कुछ लोगों को गॉसिप करने में बड़ा मजा आता है। भले ही आप किसी से धीमी आवाज में या कोने में घुसकर बतिया रहे हैं, आपकी आवाज ऊपर तक पहुंच ही जाती है। धीरे-धीरे पूरे ऑफिस को आपकी इस आदत के बारे में पता चल जाता है और आप मशहूर नहीं बल्कि बदनाम हो जाते हैं।

शिकायत करते रहना
मैनेजमेंट शिकायत करने वालों से ज्यादा समाधान पर बात करने वालो को पसंद करता है। अपनी बात मुखर होकर कहना जरूरी है। लेकिन हर बात में खामी निकलना सही नहीं होता है। यदि आप खुद को शिकायत करने से नहीं रोक पाते हैं तो आपको अपने मैनेजर से मदद लेनी चाहिए।

मोबाइल पर गेम खेलना
जब भी कोई मोबाइल में गेम खेलना शुरू करता है तो वो गोंद की तरह इससे चिपक ही जाता है। आपको किसी भी तरह का मोबाइल गेम खेलना पसंद होगा, मगर ऑफिस इसके लिए सही जगह नहीं है।

मुंह फुलाकर बैठना
बचपन में मुंह फुलाकर बैठना अच्छा लगता है। आपको अभी भी यह आदत है तो अपने पार्टनर के साथ इस तरह का बर्ताव कीजिए। लेकिन वर्कप्लेस में किसी बात का बुरा लगने पर मुंह फुला लेना आपको अपरिपक्व बनाता है। इसके बजाए शिष्टापूर्वक अपनी बात कह देना सही होता है।

प्रतिक्रिया ना देना
ऐसा नहीं है कि आपको 24 घंटे ईमेल के ही जवाब देते रहने हैं। मगर जब तक आप ऑफिस में है, आपको कोशिश करनी चाहिए कि आधे घंटे के अंदर आप किसी भी ईमेल का जवाब दे दिया जाए। किसी को लटकाकर रखना अच्छी आदत नहीं होती है।

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