Edited By bharti,Updated: 15 Jul, 2018 11:38 AM
राजधानी में चलने वाले निजी स्कूल प्रशासकों की मनमानी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शिक्षा विभाग व ...
नई दिल्ली: राजधानी में चलने वाले निजी स्कूल प्रशासकों की मनमानी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शिक्षा विभाग व दिल्ली सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ाना इन स्कूलों के लिए आम बात हो गई है। विगत वर्ष दिल्ली सरकार ने गुरुग्राम के रेयॉन इंटरनेशनल स्कूल में छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की मौत के बाद कर्मचारियों की वेरिफिकेशन को अनिवार्य कर दिया था लेकिन इसके बाद भी निजी स्कूल इस आदेश की अनदेखी कर बिना वेरिफिकेशन के ही कर्मचारियों को नौकरी पर रख रहे हैं।
गौरतलब है कि स्कूलों में होने वाले यौन उत्पीडऩ, मानसिक शोषण, शारीरिक शोषण सहित हिंसा की वारदातें कई बार देखने को मिली है। प्रद्युम्न ठाकुर के साथ घटित घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इसके बाद दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग ने साफ कर दिया कि सभी स्कूलों को अपने टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ की पुलिस वेरिफिकेशन करवाना अनिवार्य होगा। बावजूद इसके दिल्ली के किसी भी निजी स्कूल ने इस ओर कोई रुचि नहीं दिखाई है। आंकड़ों के अनुसार इसमें राजधानी के नामी-गिरामी स्कूल भी सम्मिलित हैं। ऐसा ही मामला पश्चिम विहार स्थित रिचमंड ग्लोबल स्कूल में सामने आया है।