Edited By bharti,Updated: 07 Oct, 2018 06:05 PM
प्रारंभिक स्कूलों के स्टूडेंट्स में किताब पढ़ने की आदत (रीडिंग हैबिट) को बढ़ावा देने के लिए शुरु की गई योजना...
नई दिल्ली: प्रारंभिक स्कूलों के स्टूडेंट्स में किताब पढ़ने की आदत (रीडिंग हैबिट) को बढ़ावा देने के लिए शुरु की गई योजना राष्ट्रीय पठन पहल को आठवीं तक कर दिया है। इस बारे में जानकारी देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि ‘पढ़े भारत, बढ़े भारत’ कार्यक्रम के तहत पहली एवं दूसरी कक्षा के बच्चों को पढऩे और बुनियादी संख्यात्मक कौशल विकसित करने में समर्थ बनाने की पहल की गई थी । इसके लिये सर्मिपत शिक्षकों की परिकल्पना की गई । इस कार्यक्रम के मुताबिक, पहली एवं दूसरी कक्षा में स्कूल के पुस्तकालयों तथा रीडिंग कॉर्नर में बच्चों से जुड़ी पठन सामग्री रखी गई ।
उन्होंने बताया कि जनजातीय बहुल राज्यों में जनजातीय समुदाय के बच्चों के लिये विशेष सेतु (ब्रिज) सामग्रियां तैयार की गई हैं । राज्यों को बच्चों में किताब पढऩे की आदत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नवाचारी कार्यकलापों की योजना बनाने और उसे क्रियान्वित करने के लिये कुछ धन भी दिया गया है । राष्ट्रीय एकीकरण को बढ़ावा देने के लिये सरकार की ओर से शुरू की गई ‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’’ पहल के तहत मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ कई अन्य मंत्रालयों एवं विभागों ने भी दिसंबर 2018 तक मासिक कार्य योजनाएं तैयार की हैं ।
इसमें शैक्षणिक, सामाजिक, भौगोलिक, सांस्कृतिक, पर्यटन, खेलकूद एवं युवा संबंधी कार्यकलापों को कवर किया गया है। अधिकारी ने बताया कि एक भारत, श्रेष्ठ भारत के लिये अलग से कोई बजट आवंटित नहीं किया गया है ।राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा भी राज्यों एवं संघ शासित क्षेत्रों की संस्कृतियों, भाषाओं, परंपराओं, उत्सवों आदि का सार संग्रह ‘‘ भारत : सांस्कृतिक विविधता में एकता’’ तैयार किया गया है ।