Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Jun, 2017 11:59 AM
मन मे सच्ची लगन हो तो मंजिल मिल ही जाती है, और इस कहावत को सच कर दिखाया है मोहन ...
नई दिल्ली : मन मे सच्ची लगन हो तो मंजिल मिल ही जाती है, और इस कहावत को सच कर दिखाया है मोहन अभ्यास ने। जेईई एडवांस्ड में मोहन ने 64 वीं रैंक हासिल की है। दरअसल, हैदराबाद में (17) मोहन के (45) पिता वी सुब्बा राव घर में ही समोसे बनाने का काम करते हैं और समोसे बनाने के बाद वह साइकिल के जरिए कुछ दुकानों पर समोसे सप्लाई करने जाते हैं। मोहन के पिता ने बताया कि मैं 13 साल पहले हैदराबाद आया था, तब से मैं यहां समोसे बेचने का काम ही कर रहा हूं। मुझे अपने बेटी की कामयाबी पर खुशी है, उसने अच्छे नंबर हासिल किए.” उन्होंने कहा की मोहन भी उनके साथ समोसे बेचने में उनकी मदद करता है। वहीं दूसरी और मोहन ने कहा कि कड़ी मेहनत करके वैज्ञानिक बनना चाहते हैं। उनके घरवाले इस कामयाबी पर बेहद खुश हैं और वह अब उन्हें सेटल करने की कोशिश करेंगे।