केंद्रीय विद्यालय में टैबलेट देने के पायलट प्रोजेक्ट का अध्ययन

Edited By pooja,Updated: 28 Aug, 2018 01:39 PM

study of pilot project giving tablet

मानव संसाधन मंत्रालय के अधीन चलने वाले केंद्रीय विद्यालयों में बांटे गए टैबलेट के पायलट प्रोजेक्ट का अध्ययन किया जा रहा है। अध्ययन में रिपोर्ट पॉजिटिव पाई

नई दिल्ली (अनिल श्रीवास्तव): मानव संसाधन मंत्रालय के अधीन चलने वाले केंद्रीय विद्यालयों में बांटे गए टैबलेट के पायलट प्रोजेक्ट का अध्ययन किया जा रहा है। अध्ययन में रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई तो पूरे देश के केंद्रीय विद्यालयों के बच्चों को टैबलेट बांटे जाएंगे अन्यथा इस योजना को रोका भी जा सकता है।

बता दें कि केंद्रीय विद्यालय के कक्षा आठवीं के छात्रों को टैबलेट बांटने का पायलट प्रोजेक्ट वर्ष 2017-18 में लांच किया गया था। पायलट प्रोजेक्ट के तहत देशभर के 25 राज्यों में 25 केंद्रीय विद्यालयों के 5,000 छात्रों को टैबलेट बांटे गए थे। साथ ही हर विद्यालय के पांच-पांच टीचरों को भी टैबलेट दिये गए थे। सूत्र के अनुसार, मानव संसाधन मंत्रालय की मंशा है कि बच्चों के पीठ पर लदने वाले बस्तों के बोझ को कम किया जाए। क्योंकि, ये टैबलेट प्री लोडेड हैं। मसलन, उनकी पढ़ाई का सारे कोर्स उसी में लोड कर दिया गया है।  इस बाबत जानकारी देते हुए मानव संसाधन मंत्रालय के सूत्र ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट कितना सफल रहा है यह जानने के लिए अध्ययन किया जा रहा है। 

इसके लिए एक टीम लगायी गई है जो अध्ययन के बाद अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपेगी। रिपोर्ट में यह पाया गया कि टैबलेट बांटने से उसका पर्याप्त फायदा छात्रों को मिल रहा है तो फिर पूरे देश के केंद्रीय विद्यालयों के बच्चों के साथ ही टीचरों को भी दिया जाएगा। अन्यथा इस योजना को बंद भी किया जा सकता है। सूत्रों पर भरोसा करें तो जिन बच्चों को टैबलेट मिला है वे उसका सही ढंग से इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। इसलिए उनके बस्तों का बोझ भी कम नहीं हुआ है। यदि सरकार पैसा खर्च कर रही है तो उसका लाभ भी बच्चों को मिलना चाहिए।

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