Edited By Riya bawa,Updated: 11 May, 2019 01:10 PM
आंखों में ज्योति नहीं तो क्या, विपरीत परिस्थितियों में जज्बा...
नई दिल्ली: आंखों में ज्योति नहीं तो क्या, विपरीत परिस्थितियों में जज्बा रखने वाले स्टूडेंट्स बहुत ज्यादा तरक्की करते है। आज एक ऐसे ही छात्र की बात करे तो उसने आँखों की रोशनी के बिना सीबीएसई 12वीं बोर्ड में 82% अंक हासिल कर देश में एक मिसाल कायम की है। बता दें कि छात्र के जीवन में 10वीं और 12वीं बोर्ड के मार्क्स बहुत मायने रखते हैं। इन मार्क्स के आधार पर ही स्टूडेंट्स अपना करियर चुनते है जिसकी वजह से वह भविष्य में सफलता हासिल करते है। अगर पढ़ने का दृढ़ निश्चय कर लिया जाए तो आर्थिक रूप से कमजोर और शारीरिक रूप से कमजोर होने के बावजूद भी वह पीछे नहीं देख पाता।
पढ़ने का दृढ़ निश्चय कर 82 फीसदी अंक हासिल
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर का रहने वाले प्रजापति घर से दूर दिल्ली में रहकर पढ़ाई कर रहा है। आँखों की रोशनी न होने के बावजूद भी सीबीएसई 12वीं बोर्ड में 82 फीसदी अंक हासिल कर अपने माता-पिता का सिर ऊंचा कर दिया। प्रजापति ने बताया कि वह आगे पढ़ना चाहता है,उसने बताया कि दसवीं की पढ़ाई उसने हरिद्वार से की है और उसके बाद दिल्ली में एक सरकारी स्कूल में दाखिला लिया।
मीडिया से बातचीत के दौरान प्रजापति के पिता ने बताया कि उनके स्थानीय स्कूलों में दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने की सुविधा नहीं थी, जिस वजह से उन्हें अपने बेटे को बाहर भेजना पड़ा। प्रजापति के पिता ने बताया कि वे मजदूरी कर किसी तरह परिवार का पेट पाल रहे हैं। यह छात्र ने साबित किया कि वह भी किसी से कम नहीं हैं।