नए रेल विश्वविद्यालय से बदलेगा भारत का परिवहन परिचय

Edited By Sonia Goswami,Updated: 19 Sep, 2018 01:16 PM

transport of india will change from new railway university

गुजरात के वडोदरा में हाल ही में शुरू हुए भारत के पहले रेल एवं परिवहन विश्वविद्यालय के माध्यम से इस क्षेत्र के विश्वस्तरीय पेशेवरों की एक बड़ी फौज खड़ी होगी जिससे न केवल देश में बल्कि आस-पड़ोस के अनेक देशों में भूतल परिवहन के क्षेत्र में आमूलचूल...

नई दिल्लीः  गुजरात के वडोदरा में हाल ही में शुरू हुए भारत के पहले रेल एवं परिवहन विश्वविद्यालय के माध्यम से इस क्षेत्र के विश्वस्तरीय पेशेवरों की एक बड़ी फौज खड़ी होगी जिससे न केवल देश में बल्कि आस-पड़ोस के अनेक देशों में भूतल परिवहन के क्षेत्र में आमूलचूल बदलाव आने की उम्मीद है।  

विश्वविद्यालयवत राष्ट्रीय रेल एवं परिवहन संस्थान का अगले माह वडोदरा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा औपचारिक उद्घाटन और नये भवन परिसर का भूमिपूजन किए जाने की संभावना है। इस माह से इस संस्थान में स्नातक स्तर पर बीएससी (परिवहन प्रौद्योगिकी) और बीबीए (परिवहन प्रबंधन) की कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं और उनमें 103 छात्र/छात्राएं प्रवेश ले चुके हैं। 

PunjabKesari

पूर्णत: आवासीय पाठ्यक्रम चलाने वाले इस संस्थान में अगले सत्र से पांच स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम भी शुरू हो जाएंगे। फिलहाल राष्ट्रीय भारतीय रेल अकादमी के परिसर में शुरू हुए इस संस्थान के अपने भवन परिसर के लिए वडोदरा जिले में वाघोडिया तालुका के पिपलिया गांव में 110 एकड़ कामीन चिह्नित कर ली गई है और उसके अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। 

भवन परिसर को अगले पांच साल में बनाया जाएगा जिस पर करीब 421 करोड़ रुपए की लागत आएगी। रेलवे बोर्ड में इस संस्थान की स्थापना का काम देख रहीं कार्यकारी निदेशक लिली पांडे  ने कहा कि यह भारत में ऐसा पहला संस्थान होगा जिसके माध्यम से रेलवे, मेट्रो रेल, रैपिड रेल, मोनो रेल आदि महानगरीय एवं अंतरदेशीय परिवहन क्षेत्र में परिचालन, प्रौद्योगिकी, डाटा विश्लेषण एवं प्रबंधन आदि में नये विश्वस्तरीय कौशल का विकास होगा जिससे परिवहन क्षेत्र की बदलती आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।  

PunjabKesari
सुश्री पांडे ने कहा कि इस संस्थान ने अमरीका, जापान और ब्रिटेन के चार अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ साझीदारी का करार किया है जबकि कुछ अन्य विदेशी संस्थानों से भी सहयोग के समझौते होने की उम्मीद है। इन समझौतों के तहत पाठ्यक्रम तैयार करना, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के आदान-प्रदान तथा संयुक्त शोध एवं विकास किया जाना प्रस्तावित है।

 

उन्होंने कहा कि इस संस्थान की स्थापना के साथ शैक्षणिक सत्र की शुरुआत भी हो चुकी है। इस साल जुलाई में 25 शहरों में प्रवेश परीक्षा आयोजित की गयी जिसमें 3,640 उम्मीदवारों ने भाग लिया और 103 का चयन हुआ जिनमें 41 छात्र/ छात्राओं ने बीबीए में और 62 छात्र/छात्राओं ने बीएससी में प्रवेश लिया है।  उन्होंने बताया कि इन विद्यार्थियों को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), इंडियन स्कूल ऑफ बिकानेस (आईएसबी) और जमशेदपुर स्थित कोवियर लेबर एंड इंडस्ट्रियल रिलेशन इंस्टीच्यूट (एक्सएलआरआई) के शिक्षक पढ़ाएंगे। संस्थान में कुलपति की पदस्थापना और शिक्षकों की भर्ती के लिए सरकारी प्रक्रिया जारी है। 

PunjabKesari

उन्होंने बताया कि अगले सत्र से परिवहन सिस्टम डिजायन और परिवहन सिस्टम इंजीनियरिंग में एमटेक के दो पाठ्यक्रम, परिवहन प्रौद्योगिकी नीति और परिवहन अर्थशास्त्र में एमएससी के दो कोर्स तथा परिवहन प्रबंधन में एमबीए के पाठ्यक्रम के साथ स्नातक स्तर पर बीटेक (परिवहन एवं रेलवे) का कोर्स भी शुरू होगा। 

 

उन्होंने यह भी कहा कि परिवहन क्षेत्र की आवश्यकता के अनुरूप पहले से सेवारत लोगों के कौशल विकास के लिए अल्पकालिक कैप्सूल कोर्स भी चलाये जाने का विचार है। इस विश्वस्तरीय संस्थान से पढ़कर निकलने वाले विद्यार्थियों के लिए रोकागार संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर सुश्री पांडे ने कहा कि संस्थान अपने विद्यार्थियों को रेलवे में सरकारी नौकरी देने की कोई गारंटी या आश्वासन नहीं देता है। अन्य प्रीमियर संस्थानों की तरह यहां विद्यार्थियों को परिवहन के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। लेकिन, जहां तक रोकागार के अवसरों की बात है तो महानगरों में तेजी से फैलते मेट्रो के नेटवर्क, रैपिड रेल, मोनो रेल आदि महानगरीय परिवहन साधनों के अलावा भारतीय रेलवे के उपक्रमों, रेलवे की मेगा परियोजनाओं में काम करने वाली बड़ी कंपनियों में इस क्षेत्र में विशेष रूप से पारंगत पेशेवरों की बहुत बड़ी मांग है।  

 

उन्होंने कहा कि इसके अलावा श्रीलंका, बंगलादेश, ईरान, अफगानिस्तान, अफ्रीका महाद्वीप, थाईलैंड, मलेशिया, मध्य एशियाई देश आदि देशों में भी ये पेशेवर अपनी सेवाएं दे सकेंगे और इस संस्थान में भी वहां के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जा सकेगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने माना कि भविष्य में राष्ट्रीय रेल अकादमी परिसर में ही निर्माणाधीन हाईस्पीड रेल प्रशिक्षण संस्थान को भी इस विश्वविद्यालय का अंग बनाया जा सकता है हालांकि अभी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। हाईस्पीड रेल प्रशिक्षण संस्थान में अहमदाबाद मुंबई हाईस्पीड रेल परियोजना के अलावा अन्य हाईस्पीड परियोजनाओं के लिए भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें मैगलेव-2, हाइपरलूप आदि तकनीकों पर भी शोध एवं विकास कार्यक्रम होंगे।
  


 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!