Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Aug, 2017 10:28 AM
व्यवसायिक शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए ...
नई दिल्ली: व्यवसायिक शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए विदेशी भाषा की शिक्षा पर जोर देते हुए जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय :जेएमआई: कोरियाई, ताइवानी, मंडारिन, यूरोपीय अध्ययन के साथ भारतीय भाषा संस्कृत की पढ़ाई शुरू कर रहा है। जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. तलत अहमद ने ‘भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘‘ विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय भाषा की शिक्षा पर जोर दे रहा है। इसके तहत हमने कई नई विदेशी भाषा की पढ़ाई शुरू की है। इनमें हाल ही में कोरियाई, ताइवानी, मंडारिन जैसी भाषा प्रमुख है। हम पहले से ही जर्मन, फ्रेंच की पढ़ाई करा रहे हैं। ’’ उन्होंने कहा कि बच्चों को व्यवसायिक एवं रोजगारपरक शिक्षा प्रदान करने में विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण पहल कर रहा है। इस दिशा में हम छात्रों को यूरोपीय अध्ययन की शिक्षा भी प्रदान कर रहे हैं।
हमारा विश्वविद्यालय पहला ऐसा संस्थान है जो तुर्की भाषा की पढ़ाई कराता है। हमारा मकसद है कि बच्चे दुनिया की बदलती परिस्थितयों और अनुभवों से खुद को जोड़ सके । तलत अहमद ने कहा कि विश्वविद्यालय में संस्कृत का एक नया विभाग खोला गया है । इसके माध्यम से संस्कृत में स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी कोर्स पढ़ाये जायेंगे.’’ उन्होंने बताया कि संस्कृत शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिये हमने विशेषज्ञों को जोड़ा है और इन विशेषज्ञों के सहयोग से प्राचीन और आधुनिक संस्कृत का समावेश करके पाठ्यक्रम तैयार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) विश्विविद्यालय ने संस्कृत विभाग का गठन किया है और चालू शैक्षणिक सत्र से यहां संस्कृत में बीए ऑनर्स, स्नातकोत्तर, पीएचडी पाठ्यक्रम की पढ़ाई शुरू करवा रहा है। उल्लेखनीय है कि अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय के रूप में संस्कृत को बढ़ावा देने की जामिया की पहल को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।