दिल्ली विश्वविद्यालय:  पाठ्यक्रम से दलित शब्द हटा

Edited By pooja,Updated: 25 Oct, 2018 10:20 AM

university of delhi defective words removed from the course

दिल्ली विश्वविद्यालय में शैक्षिक मामलों को देखने वाली स्थाई समिति (स्टैंडिंग कमेटी) की कांउन्सिल हॉल में बुधवार को बैठक हुई। इस  बैठक में स्नाकोत्तर पाठ्यक्रमों में

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में शैक्षिक मामलों को देखने वाली स्थाई समिति (स्टैंडिंग कमेटी) की कांउन्सिल हॉल में बुधवार को बैठक हुई। इस  बैठक में स्नाकोत्तर पाठ्यक्रमों में यूजीसी के निर्देशों को स्वीकार करते हुए चयन आधारित क्रेडिट पद्धति (सीबीसीएस)के अनुसार पाठ्यक्रम तैयार करके इसे स्टैंडिंग कमेटी के बाद एकेडेमिक कांउन्सिल में पास करने के बाद ही लागू किया जा सकता है। आज की बैठक में विभिन्न विभागों में स्नाकोत्तर स्तर पर पढ़ाए जाने लगभग 9 विषयों को पास किया गया।

 

स्टैंडिंग कमेटी ऑन एकेडेमिक मेटर की मीटिंग में बुधवार को स्नातकोत्तर (एमए)के जिन विषयों पर चर्चा की गई, उनमें विषयों में अंग्रेजी, राजनीति विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, आधुनिक भारतीय भाषा और साहित्यिक अध्ययन, लायब्रेरी एंड इन्फॉर्मेशन साइंस, बुद्धिस्ट स्ट्रडिज हिस्ट्री, एलएलबी, एलएलएम आदि विषयों पर चर्चा करने के बाद ही पाठ्यक्रम को पास किया गया। 

 

दरअसल सबसे ज्यादा बहस राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम को लेकर हुई। इसमें लेखक कांचा इलैया की तीन किताबें लगी हुईं थीं। लेकिन पिछले दिनों इन पर गम्भीर आरोप लगने की वजह से इनकी पुस्तकों को पाठ्यक्रम से हटा दिया गया। इन पुस्तकों में व्हाय आई एम नॉट ए हिन्दू, पोस्ट हिन्दू इंडिया को रीडिंग मैटीरियल (संदर्भ ग्रन्थ सूची) से हटा दिया गया है।

 

वहीं, बैठक में कई नए स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों पर विचार किया गया।  जिन पाठ्यक्रमों को स्वीकृति प्रदान की गई। अंग्रेजी विभाग का एक अपनी तरह का नवीनतम पाठ्यक्रम ‘विकलांगता अध्ययन एवं इसका साहित्यिक निरूपण’ (डिसेब्लड स्टडीज एंड लिटरेरी रिप्रजेंटेशन)को स्वीकृति प्रदान की गई। 

 

प्रो.सुमन ने कहा कि इस पाठ्यक्रम में लुई ब्रेल और हेलेन केलर जैसे विकलांगता के आधार स्तम्भों के विचारों को भी शामिल किया जाना चाहिए। स्वतंत्रता उपरांत विकलांग व्यक्रियों, विशेषत: दृष्टिबाधित व्यक्तियों की उपलब्धियों को भी इसमें शामिल किया जाए। पाठ्यक्रम को और उपयोगी एवं व्यवसायों उन्मुखी बनाने के लिए इसमें परियोजना कार्य (प्रोजेक्ट वर्क) भी सम्मिलित किया जाना चाहिए। आने वाले समय में यह पाठ्यक्रम कैरियर की दृष्टि से उपयोगी सिद्ध होगा, इसलिए छात्रों को इंटर्नशिप भी कराएं, जिसे कमेटी ने स्वीकार कर लिया। 

 

राष्ट्रवाद से सम्बंधित पाठ्यक्रमों पर सुझाव देते  हुए प्रो. सुमन ने ऐसे पाठ्यक्रमों में गांधी और अम्बेडकर के विचारों को विशेष स्थान देने की बात की। उन्होंने शिक्षण कार्यों में आधुनिक तकनीक जैसे की ऑडियो-विजुअल लैब की स्थापना पर भी जोर दिया। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!