‘कडक़ सिंह’ बोलती है सिर्फ मुझे देखो और कुछ नहीं: पंकज त्रिपाठी

Updated: 08 Dec, 2023 10:53 AM

kadak singh  says just look at me and nothing else pankaj tripathi

फिल्म की स्टारकास्ट और डायरेक्टर ने ‘पंजाब केसरी’ ग्रुप के साथ की खास बातचीत।

‘ओह माय गॉड 2’ और ‘फुकरे 3’ के बाद पंकज त्रिपाठी ‘कडक़ सिंह’ बनकर दर्शकों के सामने हाजिर हैं। इस क्राइम थ्रिलर फिल्म का निर्देशन राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक अनिरुद्ध रॉय चौधरी ने किया है। फिल्म में पंकज त्रिपाठी के अलावा संजना सांघी, जया अहसन, पार्वती थिरुवोथु, दिलीप शंकर और परेश पाहुजा जैसे बेहतरीन एक्टर्स भी अहम भूमिका में नजर आएंगे। ‘कडक़ ङ्क्षसह’ 8 दिसम्बर यानी आज से ओ.टी.टी. प्लेटफॉर्म जी5 पर स्ट्रीम कर रही है, जिसमें रहस्य की कई परतें धीरे-धीरे उजागर होंगी। फिल्म के बारे में निर्देशक और स्टारकास्ट ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/ जगबाणी/ हिंद समाचार से खास बातचीत की।

 

पंकज त्रिपाठी

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Q. यह किरदार आपके लिए कितना चैलेंजिंग रहा?
A- मेरे लिए यह किरदार इसीलिए चैलेंजिंग रहा क्योंकि मेरा बेस्ट सेलिंग माल और जो मैं आसानी से कर लेता हूं, वो इसमें नहीं था। इस रोल के लिए मुझे थोड़ा संयमित रहना था और जिस चीज का मैं सौदागर हूं, वो मुझे इसमें नहीं करनी थी। बतौर एक्टर कई बार हम अपने किरदार में अपने अनुसार चीजें ढाल लेते हैं लेकिन इसमें ऐसा नहीं था। मैं कहना चाहता हूं कि इस परफॉर्मेंस में एक्टर की जरूरत ज्यादा थी। मुझे कई बार लगता है कि इस फिल्म के कई सीन समझने लिए दोबारा-दोबारा देखने होंगे। आप कुछ और काम करते हुए फिल्म को नहीं देख सकते हैं। यह फिल्म बोलती है कि सिर्फ मुझे देखो और कुछ मत देखो।

 
Q. कडक़ सिंह के रोल के लिए आपने कैसे तैयारी की?
A- हमने दस दिन का एक वर्कशॉप किया, जिसमें ज्यादातर एक्टर्स शामिल हुए। यह एक मास्टर क्लास की तरह होती थी। जिसमें हम सभी अपने किरदार के हिसाब से चीजें सीखते थे। सबकी परफॉर्मेंस होती थी। मैं सच कहूं तो हमारी टीम में  कुल 12-14 लोग नेशनल अवॉर्ड विनर हैं।

 
Q. यह माना जाता है कि जिस फिल्म में पंकज हैं, वह सच में अच्छी होगी। क्या आप इस बात को मानते हैं?
A- इन सबका क्रेडिट में अपनी स्क्रिप्ट को देना चाहूंगा क्योंकि पहले मेरी यह स्थिति नहीं थी कि मैं स्क्रिप्ट चुन सकूं। मेरे रास्ते में जो स्क्रिप्ट ईश्वर ने भेजी, वो सभी बढिय़ा कहानी थीं। समझ आ गया कि अच्छी है तो मैंने उसमें धर्म, समय और पैसों जैसी कोई समस्या नहीं आने दी। मैंने अपनी टीम से कहा कि मुझे ये करना है, अब जैसे भी हो उसे मैनेज करो। यह संयोग था कि ‘ओह माय गॉड 2’, ‘मिमी’,  ‘फुकरे 3’ मुझे मिली। मैंने करियर की कोई प्लानिंग नहीं की है कि मैं ऐसा करूंगा, वैसा करूंगा। मैंने सिर्फ एक्टिंग सीखी है, उसके बारे में सोचता हूं।


Q. फिल्मी करियर के दौरान आपने कुछ गलतियां भी की होंगी, आप क्या कहना चाहेंगे?
- जी हां, बिल्कुल हुई हैं लेकिन हम उनके बारे में ज्यादा बात नहीं करते हैं क्योंकि वो बोलने की बात नहीं है। जीवन में गलतियां होना स्वाभाविक है। ऐसा संभव ही नहीं है कि आपसे कोई गलती न हो लेकिन मुझे लगता है कि अब उसके बारे में बात करके क्या फायदा, वर्तमान समय में तो वो नहीं हैं न। मुझे चिंता होती है कि कहीं लोगों को ये न लगे कि ये सहानुभूति लेना चाहते हैं इसलिए अपने स्ट्रगल के किस्से बता रहे हैं। आठ साल 2004 से 2012 तक बिना कैमरा देखे, बिना काम किए मुबंई शहर में रहना। उस दौरान तो बहुत कुछ हुआ होगा।
  जब आपको काम के ऑफर नहीं मिल रहे हैं लेकिन फिर भी हम हौसला नहीं हारे और न ही डिप्रेशन में गए। वहीं, काम मिलने के बाद मेरे अंदर ऐसी कड़वाहट भी नहीं आई कि अब उन आठ सालों में जिन लोगों ने मुझे काम नहीं दिया था, मैं उनसे बेरुखी  करूंगा। मेरा मानना है जो अनुभव हुआ, उससे सीखो।  

 

अनिरुद्ध रॉय चौधरी

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Q. फिल्म का ट्रेलर देखकर सच में समझ ही नहीं आ रहा है कि कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ?
A- यह सब मेरी कास्ट की वजह से है। उन्होंने अपने किरदार को इतने बेहतरीन ढंग से निभाया है कि आप समझ ही नहीं पाएंगे कि कौन सच्चा है और कौन झूठा? इस फिल्म में जिंदगी के जितने भी रस होते हैं, वह सभी शामिल हैं। उन सब का मजा हमने फिल्म बनाते समय भी लिया। मुझे बेहद खुशी है कि जब फिल्म खत्म हुई तो सभी बहुत खुश थे।  

 
Q. फिल्म को बनाने की कसौटी क्या थी?
A- ‘कडक़ सिंह’ बनाने की कसौटी सिर्फ यह थी कि हमें एक ईमानदार फिल्म बनानी है। हर चीज की इंटेंशन थी कि हम क्या करना चाहते हैं? क्यों करना चाहते हैं? यह सब क्लीयर था। मेरी जॉब फिल्म के लिए धुन या राग क्रिएट करना था और उसे सबको दे देना। श्रेया घोषाल, रितेश शाह जैसे कलाकार अलग-अलग डिपार्टमेंट में इस फिल्म के लिए हमसे जुड़े हैं। हमने सभी ने फिल्म के लिए साथ में कोशिश की और हमें लगता है कि हमने जैसा सोचा था वो कर दिखाया है। खास बात है कि फिल्म में एक भी एक ऐसा मोमेंट नहीं है जो रियल न हो। सब मेरा पर्सनल अनुभव है। जिस तरह से हमारी जिंदगी में विभिन्न शेड्स होते हैं, उसी तरह इस फिल्म में भी हैं। क्राइम, प्लॉट, रिलेशनशिप सब कुछ रियल है। मेरी हर फिल्म मेरी जिंदगी होती है, यह मेरी 7वीं फिल्म है, जो मेरी सातवीं जिंदगी है।

 

संजना सांघी

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Q. इस फिल्म के लिए आपने क्या नया सीखा?
A- ‘कडक़ सिंह’ एक ऐसी कहानी है, जिसमें बाहरी तौर पर मुझे इसके लिए ज्यादा कुछ सीखने की जरूरत नहीं थी लेकिन अंदरूनी तौर पर आपको इसमें अपना बहुत कुछ देना था, जिसमें मुझे बहुत मजा आता है।  मैं पढ़ाकू किस्म की हूं तो आप मुझे एक मोटी-सी स्क्रिप्ट दे दो, जिसमें मेरे लिए सीखने को बहुत कुछ हो। फिल्म में मेरे किरदार का नाम साक्षी है। जिस पर अपने परिवार की जिम्मेदारी है, ऐसे में वह अपनी उम्र से पहले ही बड़ी हो गई है। फिल्म में पिता-बेटी और भाई-बहन जैसे कई रिश्ते दिखेंगे।  


Q. आपने जब फिल्म की स्टारकास्ट सुनी तो अपने आप में कोई डर या प्रेशर फील किया?
A- मेरा मानना है कि जब आपके साथ में अच्छे कलाकार काम करते हैं तो आपकी परफॉर्मेंस पहले से और ज्यादा अच्छी हो जाती है क्योंकि जब तक मुझे सामने से कुछ मिलता नहीं है, तब तक मुझसे एक्टिंग होती ही नहीं है। ऐसे में फिल्म की शूटिंग का समय मेरे लिए बेहद यादगार रहा, जिसमें मैंने बहुत कुछ सीखा। मेरी आदत है कि मैं अपने साथ एक डायरी लेकर घूमती हूं और वो चार-पांच महीने जितना समय मैंने पंकज सर के साथ बिताया, उसमें मैं रोजाना से बहुत ज्यादा लिखने लगी थी। वर्कशॉप का समय मेरे लिए एक्ंिटग और लाइफ की तरह रहा। उस दौरान मैंने बहुत कुछ सीखा, जो शब्दों में बताना मुश्किल है।

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