बड़े होने के बावजूद दिल से बच्चा बने रहना जरुरी, शेखर कपूर ने किया खास पोस्ट

Updated: 13 Aug, 2025 12:50 PM

shekhar kapoor made a special post

आज उन्होंने यही सोच इंस्टाग्राम पर साझा की। उन्होंने महान कलाकार पाब्लो पिकासो के प्रसिद्ध शब्दों को पोस्ट किया-हर बच्चा कलाकार होता है। समस्या यह है कि हम बड़े होकर भी कलाकार कैसे बने रहें।

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। जो लोग शेखर कपूर को नज़दीकी से फॉलो करते हैं, उनके लिए यह कोई नई बात नहीं है कि वह रचनात्मकता पर गहरी और सोचने पर मजबूर कर देने वाली बातचीत करते हैं। वह अक्सर इस बात पर विचार करते हैं कि किसी इंसान में रचनात्मकता कैसे जन्म लेती है, और क्या चीज़ें उसे रचनात्मक बनाती हैं। वह बार-बार इस बात पर ज़ोर देते हैं कि इंसान को  अंदर से बच्चों जैसा बने रहने और 'बड़े न होने' के महत्व पर विचार करते हैं।

आज उन्होंने यही सोच इंस्टाग्राम पर साझा की। उन्होंने महान कलाकार पाब्लो पिकासो के प्रसिद्ध शब्दों को पोस्ट किया:
“हर बच्चा कलाकार होता है। समस्या यह है कि हम बड़े होकर भी कलाकार कैसे बने रहें।” इस पोस्ट के ज़रिए उन्होंने न केवल खुद को, बल्कि अपने फॉलोअर्स को भी यह याद दिलाया कि अपने भीतर के बालपन को संजोकर रखना ज़रूरी है, क्योंकि बड़ा होना हमेशा ‘सामान्य’ बन जाना नहीं होता।

 

 

 

 

 

View this post on Instagram

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

A post shared by @shekharkapur

उन्होंने अपने आप से अक्सर होने वाली एक बातचीत का भी ज़िक्र किया: 'बड़े हो जाओ, शेखर।' 'ज़रूर, क्या तुम बड़े हो गए हो?' 'बिलकुल।' 'किस तरह से?' मैं पूछता था 'जैसे सब होते हैं, सामान्य।' 'तुम सामान्य हो?' मैं पूछता था 'हाँ।' 'नहीं, शुक्रिया, मैं बड़ा नहीं होना चाहता।' उन्होंने यह भी जोड़ा  “कितनी बार मैं यह बातचीत कर चुका हूं, और मरने से पहले कितनी बार और करूँगा। ‘अनग्रोअन’... बालसुलभ...”, जो खुद को यह याद दिलाने जैसा था कि वो आम बड़ों की तरह नहीं बनना चाहते।

शेखर कपूर लंबे समय से इस विश्वास को मानते आए हैं कि हर बच्चा रचनात्मक होता है क्योंकि वह पूर्वग्रहों से मुक्त होता है और दुनिया को नई नजरों से देखता है। वह अक्सर रचनात्मकता और एक बच्चे की निष्पक्ष जिज्ञासा के बीच गहरा संबंध बताते हैं। उनके अनुसार, असली रचनात्मकता उसी में है जो लगातार देखता है, सीखता है और सवाल करता है जैसे एक बच्चा।

अब जब वह अपने अगले प्रोजेक्ट ‘मासूम: द नेक्स्ट जनरेशन’ की तैयारी कर रहे हैं, तो यह सोच और भी ज़्यादा प्रासंगिक लगती है। कपूर के आज के शब्द हमें याद दिलाते हैं कि सच्ची कला का सार है जिज्ञासु रहना, निडर रहना और सबसे बढ़कर, बालमन को ज़िंदा रखना। उनके लिए बालसुलभ बने रहना सिर्फ एक मानसिकता नहीं, बल्कि भविष्य की कल्पना करने की वह कुंजी है जो अतीत के बोझ से मुक्त होती है।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!