Edited By ,Updated: 05 Nov, 2015 03:01 PM

एंड्रॉयड का यूज़र इंटरफेस स्पर्श पर आधारित है और स्वाईपिंग, टैपिंग, पिंचिंग जैसी क्रियाओं की मदद से उपयोगकर्ता स्क्रीन पर वस्तुओं को कंट्रोल कर सकता है
जालंधरः एंड्रॉयड का यूज़र इंटरफेस स्पर्श पर आधारित है और स्वाईपिंग, टैपिंग, पिंचिंग जैसी क्रियाओं की मदद से उपयोगकर्ता स्क्रीन पर वस्तुओं को कंट्रोल कर सकता है है लेकिन एंड्रॉयड यूजर इसकी सुरक्षा खामियों पर समझौता पाने के लिए लंबे समय तक इंतजार कर रहे हैं, जिसको देखते हुए अब यह समझौता होने जा रहा है।
अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन के प्रिंसिपल Chris Soghioan ने अपनी टेक्नोलॉजी रिपोर्ट में दावा किया है कि गूगल के भीतरी लोग एंड्रॉयड की घटिया सुरक्षा करके कंपनी को शर्मिंदा कर रहे हैं। MIT Technology की EmTech conference में बताया गया कि इसके लोग एंड्रॉयड को शर्मिंदा कर रहे हैं। Soghioan’s ने अपनी टिप्पणियों में एंड्रॉयड और आईओएस के बीच मतभेदों के बारे में बताया और इनकी गोपनीयता और सुरक्षा विशेषताअों पर भी बात की गई।
iOS के बंद होने पर इसके उपयोगकर्ताओं को नए सुरक्षा पैच उपलब्ध किए जाते है जबकि एंड्रॉयड अपने यूजर्स को फ्रैग्मेण्टेड अपग्रेड प्रोसेस ही देता जा रहा है जिससे यूजर्स को डिवाइसिस के लिए OEMs के साथ कर्रिएर्स को सिइन ऑफ करना पड़ता है। यह कार्य नए सॉफ्टवेयर के स्थापित होने से पहले ही किया जाता है।
अाप इन सिक्योरिटी अपडेट को गूगल के नेक्सस डिवाइस पर इनस्टॉल कर सकते है। Soghioan की विशेष रूप से परेशानी का यह कारण है कि एप्पल कंपनी काफी धनी बनती जा रही है जबकि गूगल विक्रय करने के लिए सबसे सस्ते एंड्रॉयड फोन को बनाती है। गूगल अपने स्मार्टफोन में डिफ़ॉल्ट रूप से संग्रहीत डेटा को उच्च हार्डवेयर के साथ देती है। इन बातों पर ध्यान देते हुए यूजर कम कीमत वाले एंड्रॉयड हैंडसेट को अब छोड़ने लगे है। Soghioan ने कहा कि उन्हें सिर्फ डिजिटल डिवाइस ही नहीं बल्कि डिजिटल सुरक्षा भी होनी चाहीए।
महंगे मोबाइल फोन डिफ़ॉल्ट रूप से एन्क्रिप्टेड किए जाते है जिससे इन्हें surveilled नहीं किया जा सकता। जिन मोबाइल फोन को ज्यादातर लोग यूज करते है उनको अासानी से surveilled किया जा सकता है। Soghioan का कहना है कि वह एप्पल और एंड्रॉयड के बीच फ्लेम वॉर नही करना चाहते।Soghioan तो यह चाहते है कि सभी बड़ी कंपनीया इन इशूज पर ध्यान दे सके जिससे एंड्रॉयड को भी महंगे फोन्स की तरह surveilled से बचाया जा सके।इसकी मदद से एप्पल भी अपने यूजर को गेम्स के मामले में सिक्योर एक्सपीरियंस दे सके।