Edited By Piyush Sharma,Updated: 14 Aug, 2021 06:13 PM
आम व्यक्ति का एक कार खरीदाना यानि कि अगले 10 सालों तक सारे झंझट खत्म होना होता है। पर क्या हो अगर हर पांच साल में कार का टेस्ट हो और वो किसी भी तरह से सुरक्षित न हो और फिर उसे कबाड़ करार दे दिया जाए।
ऑटो डेस्क : आम व्यक्ति का एक कार खरीदना यानि कि अगले 10 सालों तक सारे झंझट खत्म होना होता है। पर क्या हो अगर हर पांच साल में कार का टेस्ट हो और वो किसी भी तरह से सुरक्षित न हो और फिर उसे कबाड़ करार दे दिया जाए। नई वाहन स्क्रैप पॉलिसी के तहत ऐसा ही कुछ होना वाला है। नई vehicle scrappage policy के अनुसार सभी वाहनों के रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के खत्म होने के बाद एक फिटनेस टेस्ट से गुज़रना होगा। यदि कोई वाहन इस टेस्ट में खरा नहीं उतर पाता तो उसे renewal certificate जारी नहीं किया जाएगा। इसके साथ-साथ प्रत्येक वाहन को हर पांच साल में इस प्रक्रिया से दोबारा गुज़रना होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वर्चुअल रूप से vehicle scrappage policy लॉन्च की है। इस मौके पर उन्होंने देश के युवाओं को इस पॉलिसी के साथ जुड़ने के लिए भी कहा। इसके बाद प्रधानमंत्री ने ट्वीट करके इस लॉन्चिंग के बारे में जानकारी देते हुए कहा यह शुभारंभ भारत की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। गुजरात में वाहन स्क्रैपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने के लिए निवेशक शिखर सम्मेलन संभावनाओं की एक नई श्रृंखला खोलता है। मैं अपने युवाओं और स्टार्टअप्स से इस कार्यक्रम में शामिल होने का अनुरोध करूंगा।"
उन्होंने आगे कहा, "वाहन स्क्रैपिंग पर्यावरण के अनुकूल तरीके से अनुपयुक्त और प्रदूषणकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से बाहर निकालने में मदद करेगा। हमारा उद्देश्य एक व्यवहार्य #circulareconomy बनाना और पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार होने के साथ-साथ सभी हितधारकों के लिए मूल्य लाना है। "सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा की देश की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री एक बड़ी संख्या में रोजगार के मौके प्रदान करती है। इस पॉलिसी का 1 जून 2023 तक पूरी तरह से लागू किए जाने का अनुमान है।