Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Jan, 2018 12:15 AM
हम में से अधिकांश लोग अपनी सुविधा के लिए ब्राउजरों पर अपने लॉगइन डाटा को सेव करते हैं लेकिन यह सुरक्षित नहीं है। एक नए अध्ययन में पता चला है कि इन ब्राउजरों पर पासवर्ड सेव करने वालों के डाटा में सेंध लगाई जा सकती है। साथ ही इसका गलत इस्तेमाल भी हो...
नेशनल डेस्क: हम में से अधिकांश लोग अपनी सुविधा के लिए ब्राउजरों पर अपने लॉग-इन डाटा को सेव करते हैं लेकिन यह सुरक्षित नहीं है। एक नए अध्ययन में पता चला है कि इन ब्राउजरों पर पासवर्ड सेव करने वालों के डाटा में सेंध लगाई जा सकती है। साथ ही इसका गलत इस्तेमाल भी हो सकता है।
शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि AdThink और OnAudience नामक दो कोड लिंक को विज्ञापन के जरिए भेजा जा रहा है। इनके जरिए उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रयोग किए जा रहे वेबसाइट तक पहुंच बन जाती है। उसके बाद इन कोड लिंक को ट्रैक करना आसान होता है।
शोधकर्ताओं ने जब इनकी पूरी जानकारी ली तो पता चला कि AdThink नामक कोड लिंक को एक कंपनी द्वारा विज्ञापन के जरिए भेजा रहा था। कंपनी का नाम एक्सिकॉम है। हालांकि शोधकर्ताओं का दावा है कि ऐसे लिंक के प्रयोग पासवर्ड और अन्य जानकारी में सेंध लगाने में किया जा सकता है।