Edited By ,Updated: 04 Jul, 2015 11:19 AM
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर 3 ज्योत्सना सुमंत डढवाल ने सास द्वारा अपनी बहू को प्रताडि़त कर आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने के आरोप सिद्ध होने के चलते सास इसरो देवी को.....
धर्मशाला: अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर 3 ज्योत्सना सुमंत डढवाल ने सास द्वारा अपनी बहू को प्रताडि़त कर आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने के आरोप सिद्ध होने के चलते सास इसरो देवी को भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के तहत 3 साल के कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माने तथा आईपीसी की धारा 498-ए के तहत एक साल के कारावास और 5 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
14 अप्रैल, 2010 को बैजनाथ थाने में मृतका रमा देवी (27) के पिता लक्ष्मण दास निवासी सुंगल बैजनाथ ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसकी बेटी को उसकी सास इसरो देवी और पति गुरचरण सिंह निवासी हरेड़ बैजनाथ द्वारा मानसिक व शारीरिक रूप से दहेज के लिए प्रताडि़त किया जाता था, जिससे तंग आकर 14 अप्रैल, 2010 को रमा देवी ने अपने ससुराल में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। रमा देवी ने अपनी मौत का कारण अपनी सास इसरो देवी को बताते हुए उसका नाम अपनी बाजू पर लिखा हुआ था।
जिला उप न्यायवादी संदीप अग्निहोत्री ने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में अदालत में कुल 12 गवाह पेश किए गए। उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने इसरो देवी को आईपीसी की धारा 306 के तहत 3 साल के कारावास व 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा तथा आईपीसी की धारा 498-ए के तहत एक साल कारावास और 5 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है जबकि रमा देवी के पति को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है।