पानी देखने के लिए क्यूरियोसिटी को क्यों नहीं भेज रहा नासा?

Edited By ,Updated: 01 Oct, 2015 04:37 PM

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मंगल ग्रह पर खारे पानी की मौजूदगी की दुनिया भर में चर्चा हो रही है, लेकिन सवाल यह उठता है कि नासा ग्रह पर मौजूद क्यूरियोसिटी रोवर को उस जगह की जांच के लिए क्यों नहीं भेज रही

वाशिंगटन: मंगल ग्रह पर खारे पानी की मौजूदगी की दुनिया भर में चर्चा हो रही है, लेकिन सवाल यह उठता है कि नासा ग्रह पर मौजूद क्यूरियोसिटी रोवर को उस जगह की जांच के लिए क्यों नहीं भेज रही, जहां पानी की उपस्थिति का पता चला है। मंगल ग्रह पर वह जगह जहां पानी की मौजूदगी का पता चला है, उससे मात्र 50 किलोमीटर की दूरी पर रोवर मौजूद है। वेबसाइट ‘एनपीआर डॉट ओआरजी’ के मुताबिक, पानी की सही तस्वीर लेने के लिए रोवर को न भेजे जाने के पीछे दो कारण हो सकते हैं। 

एनपीआर की बुधवार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, क्यूरियोसिटी एक दिन में अधिक से अधिक 150 मीटर की दूरी तय कर सकता है। जब रास्ते में कोई बाधा न हो, तो इसे उस जगह तक पहुंचने में एक साल का वक्त लगेगा। दूसरा कारण आपको चौंका सकता है। संभावना है कि क्यूरियोसिटी के साथ पृथ्वी से कुछ बैक्टीरिया भी चले गए हों, और नासा नहीं चाहता होगा कि वह खारे पानी में विकास कर रहे किसी बैक्टीरिया या एक कोशिकीय जीव के साथ उसे मिला दे। 
 
मंगल के किसी अन्य रोवर की तरह क्यूरियोसिटी जीवन का पता लगाने वाला मिशन नहीं है, इसीलिए उसे उस जगह से अलग रखने का निर्देश दिया गया हो, जहां पानी होने का पता चला है। क्यूरियोसिटी मंगल ग्रह पर अगस्त 2012 से ही खोज कर रहा है। 
 

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