म्यांमार में तख्तापलट के बाद सैन्य जुल्मों में मारे गए 700 से अधिक लोग, AAPP ने की पुष्टि

Edited By Tanuja,Updated: 25 Apr, 2021 03:42 PM

740 people killed so far in myanmar since feb 1 military coup

म्यांमार में तख्तापलट के बाद इन दिनों भारी हिंसा व्यापत है। यहां सेना के कथित जुल्मों से बचने के लिए लोग और यहां तक कि पुलिसकर्मी भी शरणार्थी के तौर पर पड़ोसी देशों की ओर रुख कर रहे हैं..

इंटरनेशनल डेस्कः म्यांमार में तख्तापलट के बाद इन दिनों भारी हिंसा व्यापत है। यहां सेना के कथित जुल्मों से बचने के लिए लोग और यहां तक कि पुलिसकर्मी भी शरणार्थी के तौर पर पड़ोसी देशों की ओर रुख कर रहे हैं, जिनमें भारत भी शामिल है। म्यांमार में 1 फरवरी को  तख्तापलट के बाद  सैन्य हिंसा में  740 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो गई है। असिस्टेंट एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रूफ़र्स (AAPP) के अनुसार एक फरवरी से  23 अप्रैल तक 745 लोग अब तक तख्तापलट प्रदर्शनों में मारे गए हैं। पिछले कुछ हफ्तों में सेना प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल उपयोग को बढ़ा रही है।

 

इस महीने की शुरुआत में एक घटना में बागो शहर में 80 से अधिक लोग मारे गए  । प्रत्यक्षदर्शियों ने स्थानीय मीडिया को बताया कि इस दौरान सैनिकों ने भारी हथियारों का इस्तेमाल किया और जो कोई भी इधर-उधर भागता दिखाई दिया, उस पर कथित तौर पर गोली चला दी थी।  एक 17 वर्षीय लड़की श्वे पेई  ने कहा कि  पुलिस स्टेशन से  उस पर हमला किया गया और बंदूक तान कर धमकी दी गई। पेई ने आगे कहा कि यांकिन टाउनशिप से बम विस्फोट के संबंध में एक ही पूछताछ केंद्र पर हिरासत में ली गई दो अन्य महिलाओं को भी बेरहमी से पीटा गया । इनमें से एक महिला के साथ बुरा बर्ताव किया गया और एक धातु पाइप से हमला किया गया। पेई ने बताया कि  पूछताछ के दौरान जुंटा महिला अधिकारियों का नहीं बल्कि ज्यादातर पुरुष सैनिकों का इस्तेमाल कर रही है।

 

इस बीच, म्यांमार के सेना प्रमुख देश में सैन्य तख्यापलट के बाद अपनी पहले ज्ञात विदेशी दौरे पर जाने वाले हैं। वह इस साल एक फरवरी को हुए तख्तापलट के बाद अपने पहले दौरे के तहत कई अंतर्राष्ट्रीय नेताओं से मिलने  की  तैयारी में हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार म्यांमार के सैन्य प्रमुख जनरल मिन आंग ह्लैंग इंडोनेशिया में दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्रीय निकाय आसियान के शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले हैं। बता दें कि म्यांमार में 2020 के आम चुनाव में मतदाता धोखाधड़ी (वोटर फ्रॉड) होने का दावा करने के बाद  1 फरवरी को देश की सेना ने तख्तापलट कर दिया था और  शासन पर अपना कब्जा जमा लिया था।

 

तब से, म्यांमार में सैन्य सरकार के विरोध प्रदर्शन में 700 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। इस संकट को दूर करने के लिए इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में होने वाली बातचीत पहला अंतर्राष्ट्रीय प्रयास होगा। दक्षिण पूर्व एशियाई देशों (आसियान) के 10 सदस्यीय एसोसिएशन के नेता और विदेश मंत्री भाग लेंगे।बड़े पैमाने पर हिंसा और गृहयुद्ध के जोखिम के बीच आसियान के 10 सदस्यों के बीच भी इस बात को लेकर मतभेद हैं कि क्या एक बैठक होनी चाहिए या नहीं।

 

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