Edited By Seema Sharma,Updated: 30 May, 2020 03:27 PM
कोरोना वायरस से दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका हुआ है। कोरोना से अमेरिका में बुरे हाल से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पिछले काफी समय से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से खुश नहीं हैं। ट्रंप ने अमेरिका के विश्व स्वास्थ्य संगठन से हटने का ऐलान कर...
इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन यानि कि WHO से अमेरिका को अलग कर दिया है। राष्ट्रपति ट्रम्प का आरोप है कि WHO पर चीन का कंट्रोल है और चीन के कहने पर ही WHO ने कोरोना वायरस से जुड़ी जानकारी दुनिया से छिपाई रखी जिसके चलते कोरोना वायरस महामारी का रुप ले चुका है। कोरोना वायरस के कारण अमेरिका में 1 लाख से ज़्यादा मौतें हो चुकी हैं। डोनाल्ड ट्रम्प इससे पहले WHO की फंडिंग पर रोक लगा चुके थे। WHO संयुक्त राष्ट्र संघ की एक इकाई है जो विश्व के देशों के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर काम करती है। शुक्रवार को ट्रम्प ने प्रेस कांफ्रेंस में अमेरिका को WHO से अलग करने का एलान किया।
ट्रंप ने कहा कि चीन WHO को एक साल में सिर्फ 40 मिलियन डॉलर देता है फिर भी विश्व स्वास्थ्य संगठन को अपने नियंत्रण में रखता है जबकि अमेरिका एक साल में करीब 450 मिलियन डॉलर का अनुदान देता है फिर भी उसने कोरोना को लेकर हमें धोखे में रखा। ट्रंप ने कहा कि WHO से सुधार को लेकर जो सिफारिश की थी उसे लागू नहीं किया गया इसलिए अमेरिका WHO से अपना रिश्ता तोड़ रहा है।
बता दें कि इससे पहलेे पिछले दिनों ट्रंप ने WHO को दी जाने वाली अपनी सहायता राशि पर रोक लगा दी थी। ट्रंप ने कोरोना मामले में WHO पर वायरस को पहचानने में फेल होने का आरोप लगाया था और कहा कि संगठन इस मामले में चीन का साथ दे रहा है। अमेरिका में कोरोना 102,323 लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका में अभी संक्रमित केसों का सिलसिला थमा नहीं है।