Edited By ,Updated: 22 Feb, 2017 12:42 PM
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने ‘‘भारत सरकार द्वारा अपने आलोचकों को चुप’’ कराने के लिए ‘‘औपनिवेशिक काल के राजद्रोह कानून’’ का इस्तेमाल करने को लेकर उसकी आज...
लंदन:एमनेस्टी इंटरनेशनल ने ‘‘भारत सरकार द्वारा अपने आलोचकों को चुप’’ कराने के लिए ‘‘औपनिवेशिक काल के राजद्रोह कानून’’ का इस्तेमाल करने को लेकर उसकी आज आलोचना की।
ब्रिटेन स्थित गैर सरकारी संगठन ने अपनी वार्षिक मानवाधिकार रिपोर्ट में कहा,‘‘भारत में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं एवं पत्रकारों को सरकारी और राज्येतर तत्वों की आेर से हमले एवं धमकियों का सामना करना पड़ा है।’’रिपोर्ट में ‘‘विदेशी आर्थिक मदद प्राप्त करने वाले संगठनों को परेशान करने के लिए’’ बार बार लागू किए जाने वाले विदेशी अंशदान (नियमन)कानून या एफसीआरए के जरिए नागरिक समाज संगठनों पर कार्रवाई किए जाने का जिक्र किया गया है।इसमें कहा गया है कि सरकार के आलोचकों को चुप कराने के लिए औपनिवेशिक काल के राजद्रोह कानून का उपयोग किया गया।
रिपोर्ट में कहा गया है,‘‘तथाकथित गोरक्षक समूहों द्वारा गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने वाले कानूनों के पालन के नाम पर गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश एवं कर्नाटक समेत राज्यों में लोगों पर हमला किए जाने,उन्हें परेशान किए जाने और जाति आधारित हिंसा को चिंता के विषयों के रूप में रेखांकित किया गया है।’’