एपल, फेसबुक व गूगल पर आपत्तिजनक कंटेंट खिलाफ कार्रवाई के लिए बढ़ा दबाव

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 09 Apr, 2019 11:41 AM

apple google and facebook could be forced to censor  harmful  content

यूरोप में सोमवार को प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों एपल, फेसबुक और गूगल पर उस समय दबाव बढ़ गया जब कई देशों ने सख्त नियमों का प्रस्ताव दिया...

सिडनी/लंदनः यूरोप में सोमवार को प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों एपल, फेसबुक और गूगल पर  आपत्तिजनक कंटेंट खिलाफ कार्रवाई के लिए दबाव बढ़ गया है।  यूरोपीय देशों ने सख्त नियमों का प्रस्ताव दिया है ताकि इन इंटरनेट कंपनियों को आतंकवादी प्रोपैगैंडा और चाइल्ड पोर्न जैसी सामग्री ब्लॉक करने के लिए विवश किया जा सके।

ब्रिटेन ने सोशल मीडिया के लिए अपनी तरह की पहली निगरानी संस्था बनाने का आह्वान किया जो अधिकारियों पर जुर्माना लगा सके और यहां तक कि कंपनियों पर प्रतिबंध लगा सके। यूरोपीय संघ संसदीय समिति ने एक विधेयक को मंजूरी दे दी जिससे इंटरनेट कंपनियों को आतंकवाद से जुड़ी सामग्री हटाने या जुर्माने का सामना करने का प्रावधान है। इन पर अरबों डॉलर/पाउंड तक का जुर्माना लग सकता है। ब्रिटेन के गृह सचिव साजिद जावेद ने कहा, ‘‘हम इन कंपनियों को हमेशा के लिए अपने काम को ठीक करने के लिए मजबूर कर रहे हैं।’आस्ट्रेलिया ने गत सप्ताह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मस द्वारा ‘‘ डरावनी हिंसक सामग्री’’ तुरंत नहीं हटाए जाने को अपराध बना दिया।

ब्रिटिश योजना से फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल मीडिया कंपनियों को इन साइटों का इस्तेमाल करने वाले लोगों को ‘‘हानिकारक सामग्री’’ से बचाने की जरुरत होगी। दूसरी ओर, कनाडा सरकार ने सोमवार को फेसबुक के कट्टर दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं पर प्रतिबंध लगाने के फैसले की प्रशंसा की। न्यूजीलैंड हमले के बाद फेसबुक ने नफरत फैलाने वाले समूहों की जांच के लिए नए कदम उठाए हैं। गौरतलब है कि फेसबुक ने सोमवार को फेथ गोल्डी, केविन गोउड्रयू समेत प्रमुख नागरिकों और कई अन्य समूहों को प्रतिबंधित कर दिया। इन सभी को श्वेत नस्लवादी बताया गया है।

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