Edited By ,Updated: 25 May, 2015 02:15 PM
नेपाल में आए भयंकर भूकंप के बाद लगातार आ रहे झटकों और भूस्खलन की घटनाओं से बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है।
काठमांडू: नेपाल में आए भूस्खलन के बाद अब भारत के सिर पर भी खतरा मंडरा रहा है। दरअसल, नेपाल के म्यागदी जिले में रविवार सुबह हुए भारी भूस्खलन से काली गंडकी नदी का मार्ग बाधित हो गया है तथा नेपाल के अधिकारियों ने इसके कारण बनी कृत्रिम झील के कभी भी फूट पडऩे को लेकर चेतावनी जारी की है, जिससे उत्तर प्रदेश में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। नेपाल में अधिकारियों ने नदी का मार्ग बाधित होने के बाद नेपाल-भारत की सीमा पर बने गंडक बांध के गेट खोल दिए है।
काली गंडकी को नेपाल के पर्वतीय इलाके में गंडकी तथा दक्षिणी मैदानी इलाके में नारायणी के नाम से पुकारते हैं तथा भारत में इसे गंडक नदी कहते हैं जो आगे जाकर गंगा नदीं में मिल जाती है। भूस्खलन के कारण नदी का 95 फीसदी प्रवाह बाधित हो गया है, जिसके कारण 4 किलोमीटर लंबा और 200 मीटर मोटा बांध-सा बन गया है। इस बांध के कारण बनी झील में 17 लाख घन लीटर पानी इकट्ठा हो गया है। नदी के कभी भी फूट पड़ने की आशंका को देखते हुए नदी के तट पर सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर दिया गया है।
नेपाली सेना की एक टीम, भूस्खलन विशेषज्ञों, तकनीशियनों एवं सुरक्षाकर्मियों को कृत्रिम झील से पानी निकालने के काम पर लगाया गया है, लेकिन लगातार भूस्खलन के कारण वे सफल नहीं हो सके।
गौरतलब है कि नेपाल में आए भीषण भूकंप से 8,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद 12 मई को भी यहां भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई थी। भूकंप की वजह से पहाड़ों की ढलान कमजोर हो गई हैं और खतरा काफी बढ़ गया है।