Edited By ,Updated: 18 Sep, 2015 12:35 AM
बिहार में 12 अक्तूबर से पांच चरणों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं तथा इस दौरान अनेक दिलचस्प बातें देखने में आ रही हैं जिनमें से कुछ निम्र में दर्ज हैं
बिहार में 12 अक्तूबर से पांच चरणों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं तथा इस दौरान अनेक दिलचस्प बातें देखने में आ रही हैं जिनमें से कुछ निम्र में दर्ज हैं :
* बिहार में कुल 93,000 लाइसैंसी हथियार लोगों के पास हैं जिन्हें चुनाव आयोग ने अधिकारियों के पास जमा करवाने के आदेश दे दिए हैं।
* एक महीने में 500 अवैध हथियार जब्त किए गए हैं। राज्य के 18000 शरारती तत्वों से अच्छे आचरण संबंधी शपथ पत्र भरवाए गए हैं।
* बिहार में गैर-जमानती वारंटों वाले 19000 अपराधी खुले घूम रहे हैं जिनमें से लगभग 5000 को एक महीने में गिरफ्तार किया गया है।
* अभी तक राज्य में तलाशी के दौरान 11,580 लीटर अवैध शराब के अलावा 34 लाख रुपए से अधिक राशि जब्त की गई है।
* पटना के कुम्हरर क्षेत्र के ‘भगवत मिलन हाल’ में रखी हजारों साइकिलें बरामद हुई हैं। आरोप है कि इन्हें जद (यू) के विधान परिषद सदस्य संजय सिंह ने मतदाताओं में बंटवाने के लिए जमा कर रखा था।
* टिकटों के अभिलाषी टिकट प्राप्त करने के लिए पार्टी नेताओं को पहले की तरह आम सफेद कागजों पर प्रार्थना पत्र भेजने की बजाय खूब डिजाइन करवाए हुए लम्बे-चौड़े प्रार्थना पत्र भेज रहे हैं। ‘राजद’ के एक टिकट अभिलाषी ने तो 300 पृष्ठïों का आवेदन पत्र भेजा है।
* भाजपा नीत राजग तथा नीतीश व लालू नीत महागठबंधन में टिकटों की बांट पर विद्रोही तेवर बने हुए हैं। लालू ने अपने बेटे तेजस्वी के लिए जद (यू) से राघोपुर की सीट मांगी है जो जद (यू) ने 2010 में तेजस्वी की मां राबड़ी से छीनी थी।
* नालंदा जिले को ‘बिहार का रायबरेली’ कहा जाता है जिसकी 7 सीटों पर नीतीश और जद (यू) का वर्चस्व है। जार्ज फर्नांडीज जैसे बाहरी भी दो बार यहां से लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं पर इस बार भाजपा ने यहां नीतीश का वर्चस्व समाप्त करने के लिए पूरा जोर लगा दिया है और नालंदा से जद (यू) के दो विधायक हाल ही में भाजपा में आ भी गए हैं।
* राजग में भागीदार लोजपा के नेता राम विलास पासवान कुल अलाट 40 सीटों में से 25 प्रतिशत से अधिक सीटें अपने रिश्तेदारों को ही बांटने वाले हैं। पासवान के सांसद भाई राम चंद्र पासवान के पुत्र प्रिंस राज, दामाद अनिल साधु और मृणाल पासवान के टिकट तो पहले ही तय हो चुके हैं परंतु पासवान पर अपने एक भतीजे के अलावा दूर की बहू, दामाद, समधी, ममेरे भाई तथा कुछ अन्य रिश्तेदारों को टिकट देने का भी भारी दबाव है।
* लगभग सभी पार्टियां अपने प्रचार में फिल्मी और रंगमंच के कलाकारों की सहायता ले रही हैं। नाटक मंडली 15 से 20 मिनट के एक नाटक के 10,000 से 15000 रुपए तक लेती है और दिन में कम से कम 4 नाटक खेलती है। नाटकों में विरोधी दलों के बखिए उधेड़े जा रहे हैं। ऐसे ही कुछ नाटकों के शीर्षक हैं ‘सूट बूट की सरकार’, ‘बिहार के लिए मोदी का पैकेज’, ‘जंगल राज’, ‘महादलित का अपमान’ तथा ‘बढ़ चला बिहार’ आदि।
* एक-दूसरे पर खूब कीचड़ उछाला जा रहा है। लालू ने कहा है कि ‘‘महाराष्ट में भाजपायी बिहारियों को गाली दे रहे हैं। बिहारियों को तुम महाराष्ट में गाड़ी नहीं चलाने देते तो क्या बिहारी दो गुजरातियों (मोदी और शाह) को बिहार की सरकार चलाने देंगे?’’
* अधिकार मोर्चा पार्टी के संस्थापक पप्पू यादव ने लालू और नीतीश के गठबंधन को ‘आर.एस.एस. से भी अधिक खतरनाक’ बताते हुए नीतीश कुमार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा है कि ‘‘जो व्यक्ति अपने गुरु जार्ज फर्नांडीज का नहीं हुआ वह बिहार की जनता का क्या होगा।’’
* मुख्य दलों के अलावा इन चुनावों में दिलचस्प नामों वाली कुछ छोटी-मोटी पाॢटयां भी चुनाव लड़ रही हैं। इनमें से एक का नाम है ‘बाप’। वैसे इसका पूरा नाम तो ‘भारतीय आम अवाम पार्टी’ है परंतु अंग्रेजी में छोटा करने पर यह ‘बाप’ बन जाता है। इसी प्रकार ‘गरीब आदमी पार्टी’, ‘भारत निर्माण पार्टी’, ‘समरस समाज पार्टी’ आदि भी चुनाव मैदान में हैं।
अभी तक इन चुनावों के सिलसिले में कुछ ऐसे ही रंग देखने को मिले हैं लेकिन चुनावों के नजदीक आने के साथ-साथ इनमें कुछ और रंग भी जुड़ेंगे जो हम अपने पाठकों से सांझे करते रहेंगे।