Edited By Seema Sharma,Updated: 25 Jun, 2023 02:45 PM
करीब 38 साल पहले इंडिया के बोइंग विमान कनिष्क में हुए विस्फोट में मारे गए लोगों के परिजनों को आज भी न्याय की दरकार है। घटना की 38वीं बरसी पर कनाडा में वेंकूवर के स्टेनली पार्क में हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक समारोह का आयोजन...
जालंधर: करीब 38 साल पहले इंडिया के बोइंग विमान कनिष्क में हुए विस्फोट में मारे गए लोगों के परिजनों को आज भी न्याय की दरकार है। घटना की 38वीं बरसी पर कनाडा में वेंकूवर के स्टेनली पार्क में हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक समारोह का आयोजन किया गया।
समारोह में मृतकों के परिजनों ने इस घटना के दाषियों को सजा न मिलने पर दुख व्यक्त किया। कनाडा के स्वास्थ्य मंत्री एड्रियन डिक्स ने इस मौके पर कहा कि 38 साल पहले एयर इंडिया के विमान को उड़ाने वाले निर्दयी आतंकवादियों को पता था कि उड़ान में सामान्य से अधिक बच्चे होंगे क्योंकि स्कूल वर्ष अभी समाप्त हुआ था। डिक्स ने कहा कि हत्यारों को स्पष्ट रूप से उन 82 बच्चों की परवाह नहीं थी, जो विमान में सवार थे।
कनाडाई युवाओं को हादसे की ज्यादा नहीं है जानकारी
इस सप्ताह की शुरुआत में एंगस रीड इंस्टीच्यूट ने एक सर्वेक्षण जारी किया जिसमें दिखाया गया कि 10 में से 9 कनाडाई लोगों को इस हमले के बारे में बहुत कम या कुछ भी नहीं पता है, जो कनाडा की सबसे भयानक सामूहिक हत्या है। 1500 कनाडाई लोगों के सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि 18 से 34 वर्ष की उम्र के 5 में से 3 युवा वयस्कों ने बम विस्फोटों के बारे में कभी नहीं सुना है।
38 साल बाद भी जारी है जांच
इस बीच कनाडाई पुलिस द्वारा यह भी पुष्टि की गई कि जांचकत्र्ता अभी भी मामले पर काम कर रहे हैं, लेकिन घटना की प्रकृति के कारण जांच का विवरण नहीं दे सकते। स्टाफ सार्जैंट क्रिस क्लार्क ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा कि 2005 में 2 मुख्य संदिग्धों के बरी होने और कम से कम 2 अन्य की मौत के बावजूद मामले की फाइल खुली हुई है। क्लार्क ने कहा कि एयर इंडिया की जांच जारी है और वर्तमान में ई डिवीजन इंटीग्रेटेड नैशनल सिक्योरिटी एनफोर्समैंट टीम द्वारा जांच की जा रही है।
क्या बोले प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो
पूर्व प्रधानमंत्री उज्जल दोसांझ ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और अन्य राजनीतिक नेताओं को इस आयोजन के बारे में वार्षिक बयान जारी करने के अलावा और कुछ करने की मांग की।
कनाडा के प्रधानमंत्री ने एक बयान में कहा कि आतंकवादी हमले ने उनके परिवारों और प्रियजनों के जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया है जो हर दिन उनकी अनुपस्थिति के दर्द के साथ जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद हमारे समुदायों के भीतर भय, विभाजन और नफरत पैदा करना चाहता है। हम कभी भी कुछ लोगों के कार्यों को शांति, सहिष्णुता और विविधता के मूल्यों पर हावी नहीं होने दे सकते जो हमारे समाज को पारिभाषित करते हैं और हमें कनाडाई के रूप में एकजुट करते हैं।
खालिस्तानी संगठन बब्बर खालसा पाया गया था आरोपी
23 जून, 1985 को एयर इंडिया के बोइंग विमान कनिष्क में आसमान में विस्फोट हो गया था, इस घटना में क्रू मैंबरों सहित सभी 329 लोगों की मौत हो गई थी।
268 कनाडा, 27 इंगलैंड, 10 अमरीका और 2 भारत के नागरिक थे, साथ ही जहाज की क्रू में शामिल सभी 22 भारतीय भी मारे गए थे। कनाडा की सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश और उसके बाद की सार्वजनिक जांच से पता चला था कि बम विस्फोट खालिस्तानी संगठन बब्बर खालसा द्वारा किए गए थे। जिन लोगों पर साजिश का आरोप लगाया गया था उनमें से 2 को बरी कर दिया गया और तीसरे को मानव वध के लिए दोषी ठहराया गया था।
अपनी भाभी सुखविंद्र, 10 वर्षीय भतीजी परमिंद्र और 9 वर्षीय भतीजे कुलदीप को खोने वाले गुरदयाल सिद्धू ने कहा कि परिवारों को वास्तव में मामले में न्याय की जरूरत है। सिद्धू ने कहा कि मैं अनुरोध कर रहा हूं कि अगर किसी के पास कोई सबूत है तो वह सामने आए।