मैडीकल लापरवाही या...! सीटी स्कैन से चली गई 22 साल की महिला वकील की जान, मौत ने उठाए सवाल

Edited By Updated: 25 Aug, 2025 07:30 PM

brazil lawyer dies at 22 during ct scan

एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक साधारण-सी लगने वाली मेडिकल प्रक्रिया ने 22 साल की वकील की जान ले ली। ब्राजील के रियो डू सील ऑल्टो वेले रीजनल हॉस्पिटल में सीटी स्कैन...

International Desk: एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक साधारण-सी लगने वाली मेडिकल प्रक्रिया ने 22 साल की वकील की जान ले ली। ब्राजील के रियो डू सील ऑल्टो वेले रीजनल हॉस्पिटल में सीटी स्कैन के दौरान लेटिसिया पॉल नाम की युवती को अचानक एनाफिलेक्टिक शॉक  आ गया और उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया। न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, लेटिसिया की मौत प्रक्रिया शुरू होने के 24 घंटे से भी कम समय में हो गई। उनकी चाची ने बताया कि भतीजी को तुरंत अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन डॉक्टर भी उसे नहीं बचा पाए।स्थानीय मीडिया के अनुसार, इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

 

क्या होता है एनाफिलेक्टिक शॉक?
एनाफिलेक्टिक शॉक एक गंभीर  एलर्जिक रिएक्शन  है। जब शरीर किसी विशेष पदार्थ या दवा से एलर्जी महसूस करता है, तो इम्यून सिस्टम तेजी से प्रतिक्रिया देता है। इस दौरान शरीर में एंटीबॉडीज बनते हैं और एलर्जी सेल्स से रसायन (जैसे हिस्टामिन) रिलीज होते हैं। यही रसायन अचानक रक्तचाप गिरा देते हैं, सांस लेने में तकलीफ पैदा करते हैं और कभी-कभी मरीज कोमा में भी चला जाता है। कई मामलों में यह स्थिति मौत का कारण बन सकती है।
 

 

सिर्फ एक जांच के लिए अस्पताल गई थी
लेटिसिया की चाची ने मीडिया से बातचीत में कहा, “वह सिर्फ एक जांच के लिए अस्पताल गई थी, हमें कभी नहीं लगा था कि यह उसकी आखिरी सांस होगी। प्रक्रिया शुरू होते ही उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। हमने सोचा डॉक्टर उसे संभाल लेंगे, लेकिन उसे हमसे छीन लिया गया।” परिवार अब इस बात से गहरे सदमे में है कि एक साधारण मेडिकल टेस्ट किस तरह उनकी बेटी की मौत का कारण बन गया।डॉक्टर्स का कहना है कि यदि एनाफिलेक्टिक शॉक का समय रहते इलाज न हो तो यह मिनटों में जान ले सकता है।

 

क्यों सीटी स्कैन के दौरान हुई मौत?
सीटी स्कैन प्रक्रिया में कई बार कॉन्ट्रास्ट डाई (contrast dye)  का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे शरीर की आंतरिक संरचना को बेहतर तरीके से देखा जा सके। कुछ मरीजों को इस कॉन्ट्रास्ट डाई से एलर्जी होती है।  यही एलर्जी एनाफिलेक्टिक शॉक का कारण बन सकती है।  संभावना जताई जा रही है कि लेटिसिया की मौत भी इसी वजह से हुई।

 

  • इस घटना के बाद अस्पताल प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या डॉक्टरों ने पहले से एलर्जी टेस्ट किया था?
  • क्या अस्पताल के पास तुरंत एनाफिलेक्टिक शॉक से निपटने की पर्याप्त दवाएँ और उपकरण मौजूद थे?
  • क्या मरीज और परिवार को इस प्रक्रिया के संभावित जोखिमों के बारे में बताया गया था?
     

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