SCS न्यायाधिकरण के फैसले के खिलाफ चीन ने जारी किया श्वेत पत्र

Edited By ,Updated: 13 Jul, 2016 12:30 PM

china releases white paper to refute south china sea tribunal verdict

चीन ने आज संयुक्त राष्ट्र समर्थित न्यायाधिकरण के उस फैसले के खिलाफ श्वेत पत्र जारी किया है, जिसने दक्षिण चीन सागर ...

बीजिंग: चीन ने आज संयुक्त राष्ट्र समर्थित न्यायाधिकरण के उस फैसले के खिलाफ श्वेत पत्र जारी किया है, जिसने दक्षिण चीन सागर (एससीएस) में उसके ‘एेतिहासिक अधिकारों’ को निरस्त कर दिया है । श्वेत पत्र जारी करते हुए चीन ने कहा कि इस रणनीतिक क्षेत्र में बीजिंग का दावा 2000 साल पुराना है । चीन को कूटनीतिक तौर पर एक बड़ा झटका देते हुए स्थाई मध्यस्थता अदालत ने कल रणनीतिक लिहाज से महत्वपूर्ण दक्षिण चीन सागर में इस कम्युनिस्ट देश के दावों को निरस्त कर दिया था ।  

हेग स्थित अदालत ने कहा है कि चीन ने फिलीपीन के संप्रभुता के अधिकारों का उल्लंघन किया है । उसने कहा कि चीन ने कृत्रिम द्वीप बनाकर ‘‘मूंगे की चट्टानों वाले पर्यावरण को भारी नुकसान’’ पहुंचाया है । श्वेत पत्र में कहा गया कि चीन का 2000 साल से दक्षिण चीन सागर पर दावा है और याचिका दायर करने वाला फिलीपीन चीनी क्षेत्र पर कब्जा कर रहा है । इसमें कहा गया कि दक्षिण चीन सागर में चीन और फिलीपीन के बीच विवादों के मूल में वे क्षेत्रीय मुद्दे हैं, जो 1970 के दशक में शुरू हुई फिलीपीन की घुसपैठ और कुछ द्वीपों एवं चीन के नांशा कुंदाआे (नांशा द्वीपसमूहों) पर अवैध कब्जे के कारण पैदा हुए हैं । 

‘‘चीन और फिलीपीन के बीच दक्षिण चीन सागर को लेकर उपजे प्रासंगिक विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाने को तैयार है चीन’’ शीर्षक वाले दस्तावेज में कहा गया, ‘‘फिलीपीन ने इस तथ्य को छिपाने के लिए और अपने क्षेत्रीय दावे बरकरार रखने के लिए कई बहाने गढ़े हैं ।’’ स्टेट काउंसिल इंफॉर्मेशन ऑफिस की आेर से जारी श्वेत पत्र में कहा गया कि फिलीपीन का दावा इतिहास और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार आधारहीन है। 

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