Edited By Tanuja,Updated: 03 Sep, 2018 11:26 AM
चीन की महत्वाकांक्षी ''बेल्ट एंड रोड'' परियोजना संकट में नजर आ रही हैं। चीनी कर्ज के नीचे दबने के खतरे को लेकर परियोजना में शामिल कुछ देशों ने इसका हिस्सा बनने पर आनाकानी शुरू कर दी है...
बीजिंगः चीन की महत्वाकांक्षी 'बेल्ट एंड रोड' परियोजना संकट में नजर आ रही हैं। चीनी कर्ज के नीचे दबने के खतरे को लेकर परियोजना में शामिल कुछ देशों ने इसका हिस्सा बनने पर आनाकानी शुरू कर दी है। बता दें कि 2013 में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 'न्यू सिल्क रोड' के नाम से मशहूर इस प्रॉजेक्ट की घोषणा की थी। इसके तहत दुनियाभर में रेलवे, रोड और बंदरगाहों का नेटवर्क तैयार हो रहा है। चीन इसके लिए कई देशों को अरबों डॉलर का कर्ज दे रहा है।
इस परियोजना की घोषणा के पांच साल बाद अब चीन पर आरोप लग रहे हैं कि वह सहयोगी देशों को एक तरह से 'कर्ज जाल' में लपेट रहा है। कहा जा रहा है कि ऐसे मुल्क जो कर्ज चुकाने में कामयाब नहीं होंगे चीन के कर्ज जाल का शिकार हो जाएंगे। ऐसे में शी चिनफिंग को अपनी इस अहम परियोजना का यह कहते हुए बचाव करना पड़ रहा है कि यह कोई 'चीन क्लब' नहीं है।
चिनफिंग का कहना है कि इस परियोजना में शामिल देशों के साथ चीन का व्यापार पांच खरब डॉलर बढ़ा है। हालांकि अब कुछ देश इस बात को लेकर सवाल उठा रहे हैं कि चीन के कर्ज के रूप में इतना पैसा खर्च करना क्या फायदे का सौदा है? अगस्त में अपनी चीन यात्रा के दौरान मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने घोषणा की थी कि उनका देश चीन की मदद से चलने वाली तीन परियोजनाओं को बंद कर रहा है।