Edited By Tanuja,Updated: 16 May, 2021 03:29 PM
शिजियांग में उइगर मुसलमानों पर अत्याचार करने वाले चीन ने अब बौद्ध आबादी की धार्मिक आजादी पर वार करना शुरू कर दिया है। इस बार चीन ने ...
बीजिंगः शिजियांग में उइगर मुसलमानों पर अत्याचार करने वाले चीन ने अब बौद्ध आबादी की धार्मिक आजादी पर वार करना शुरू कर दिया है। इस बार चीन ने तिब्बितयों पर ल्हासा में धार्मिक महीने सागा दावा के दौरान किसी धार्मिक अनुष्ठान को करने से रोकलगा दी है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 9 मई को ल्हासा सिटी बौद्ध संगठन को भेजे गए एक अधिसूचित सकुर्लर में बुधवार से शुरू हो रहे तिब्बती कैलेंडर के चार महीने में कोई पूजा-पाठ करने से रोक दिया गया है।
बौद्धों के लिए यह अवधि बेहद पवित्र मानी जाती है। हालांकि इस रोक को वजह कोरोना वायरस का संक्रमण फैसले से रोकना बताया गया है। लेकिन इंटरनेशनल कैंपेन फार तिब्बत (आइसीटी) का कहना है कि इसका असली मकसद तिब्बतियों की धार्मिक आजादी को छीनना है।
पिछले हफ्ते चीन में धार्मिक आजादी पर जारी अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट में बताया गया कि सत्तारूढ़ चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी (सीसीपी) का कहना है कि नागरिकों को सामान्य धार्मिक गतिविधियां निभाने की छूट है लेकिन "सामान्य" शब्द को लेकर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। यह भी कहा गया है कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा नहीं होना चाहिए।