वैज्ञानिकों ने बतायाः आंखों से कैसे शरीर में घुस रहा कोरोना वायरस, आंसुओं से भी खतरा

Edited By Tanuja,Updated: 12 May, 2020 04:06 PM

eyes are an important route for corona to enter the body

दुनिया भर में 2.87 लाख लोग कोरोना वायरस से अपनी जान गंवा चुके हैं और 41 लाख से ज्यादा संक्रमित हैं। लाखों मौतों के बाद अब भी लोग ...

इंटरनेशनल डेस्कः दुनिया भर में 2.87 लाख लोग कोरोना वायरस से अपनी जान गंवा चुके हैं और 41 लाख से ज्यादा संक्रमित हैं। लाखों मौतों के बाद अब भी लोग इसके संक्रमण को लेकर पशोपेश में हैं कि आखिर यह फैलता कैसे है। डाक्टरों औऱ वैज्ञानिकों द्वारा रिसर्च के आधार पर इसके फैलने के अलग-अलग कारण व तरीके बताए जा रहे हैं । अब अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि कोरोना वायरस आंखों के जरिए बहुत तेजी से शरीर में घुसपैठ कर रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार आंखों की कोशिकाओं की सतह पर ACE-2 नाम के रिसेप्टर पाए जाते हैं, जो किसी कोशिका में संक्रमण का ‘गेटवे’ समझे जाते हैं। कोरोना का वायरस इन्हीं के जरिए शरीर के अंदर आता है।

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सार्स और बर्ड फ्लू से 100 ज्यादा कोरोना वायरस की रफ्तार
वैज्ञानिकों ने बताया कि अगर किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकले ड्रॉपलेट्स स्वस्थ इंसान की आंखों की सतह पर पहुंचते हैं, तो वहां से वायरस शरीर में घुस सकता है। इसी कारण से कोरोना के शिकार कई मरीजों में आंखें लाल दिखीं। इससे पहले यूनिवर्सिटी ऑफ हांग कांग के शोध से पता चला है क‍ि आंखें इंसान के शरीर कोरोना वायरस के घुसने का बड़ा स्रोत बन गई हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक सार्स और बर्ड फ्लू की तुलना में कोरोना वायरस मुंह, नाक और आंखों से 100 गुना ज्‍यादा तेजी से शरीर में घुस रहा है।

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आंसुओं से भी खतरा
रिसर्च में पता चला है कि कोविड-19 के वायरस का लेवल सार्स की तुलना में इंसान को आंखों से ज्‍यादा तेजी से संक्रमित कर रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्‍टर माइकल चान की टीम उन लोगों में शामिल हैं जिन्‍होंने इस बात के सबूत पाए हैं कि कोरोना वायरस आंखों से इंसान के शरीर में घुस रहा है। डॉक्‍टर चान व उनकी टीम ने इंसानों की श्‍वसन प्रणाली और आंखों की कोशिकाओं की जांच में पाया कि SARS-Cov-2 वायरस इंसान की आंख और ऊपरी श्‍वसन तंत्र के रास्‍ते सार्स और बर्ड फ्लू से भी ज्‍यादा तेजी से संक्रमित कर रहा है। संक्रमण की यह दर 80 से 100 गुना ज्‍यादा है।' रिसर्च में यह भी खुलासा हुआ है कि आंसुओं से भी यह वायरस फैल सकता है।

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कैैसे करें बचाव
उन्‍होंने कहा कि इससे पता चलता है कि आंखों और श्‍वसन तंत्र से कोरोना वायरस सार्स की तुलना में ज्‍यादा तेजी से लोगों को अपना श‍िकार बना रहा है। चान ने कहा कि शोध से यह भी पता चला है कि आंखें कोरोना वायरस के इंसान में संक्रमण का एक बड़ा स्रोत हैं। इस शोध में लोगों को सलाह दी गई है कि वे अपनी आंखों को न छूएं और थोड़े-थोड़े अंतराल पर अपने हाथों को साबुन से धोते रहें। इससे पहले हांग कांग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह पता लगाया था कि कोरोना वायरस स्‍टील, प्‍लास्टिक और जमीन पर 7 दिनों तक जिंदा रह सकता है।

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