FATF की समीक्षा बैठकें आज से होंगी शुरू, पाकिस्तान पर लटकी ग्रे लिस्ट की तलवार

Edited By Tanuja,Updated: 11 Feb, 2021 11:41 AM

fatf meetings begin today to review pakistan s gray list

आतंकवाद के खिलाफ 27 सूत्रीय एजेंडे को पूरा करने में विफल रही  पाकिस्तानी सरकार के भविष्‍य का फैसला आज फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स (FATF) के वर्किंग ग्रुप की  बैठक  होगा।  22 से 26 फरवरी के बीच होने वाले FATF के प्‍लेनरी सेशन से पहले...

इस्लामाबादः आतंकवाद के खिलाफ 27 सूत्रीय एजेंडे को पूरा करने में विफल रही  पाकिस्तानी सरकार के भविष्‍य का फैसला आज फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स (FATF) के वर्किंग ग्रुप की  बैठक  होगा।  22 से 26 फरवरी के बीच होने वाले FATF के प्‍लेनरी सेशन से पहले 11 से 19 फरवरी के बीच में वर्किंग ग्रुप की 8 वर्चुअल बैठकें होनी हैं जिनमें पाकिस्‍तान कीआतंकियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई को लेकर समीक्षा की जाएगी। आंतक के खिलाफ ठोस कदम उठान में विफल रहे पाक को ग्रे लिस्ट में रहने का खौफ बना हुआ है। ऐसे में वह अपने आकाओं चीन और तुर्की के बल पर इस सूची से बच की  कोशिश में  जुट गया है।

 

हालांकि पाकिस्‍तान  FATF  की आंखों में धूल झोंक रहा है कि उसने आतंकियों के वित्‍तपोषण को रोकने में 'बड़ी सफलता' हासिल की है इसलिए उसे ग्रे लिस्‍ट से बाहर कर दिया जाए। पाकिस्‍तान  ये भी गुहार लगा रहा है कि या तो उसे ग्रे लिस्‍ट से हमेशा के लिए निकाल दिया जाए या 27 सूत्री एक्‍शन प्‍लान को पूरा करने के लिए ग्रेस ग्रेस पीरियड को बढ़ा दिया जाए।  उधर  FATF का कहना है कि  पाकिस्‍तान को अगर ग्रे लिस्‍ट से निकलना है और ब्‍लैक लिस्‍ट होने से बचना है तो उसे आतंकियों के वित्‍तपोषण और मनी लांड्रिंग पर कड़ाई से लगाम लगानी होगी।

 

  FATF ने वर्ष 2018 में आतंकियों के खुलकर समर्थन की वजह से पाकिस्‍तान को ग्रे लिस्‍ट में डाल दिया था। इसके बाद से ही पाकिस्‍तान चीन, तुर्की और मलेशिया की मदद से ब्‍लैक लिस्‍ट होने से बचता रहा है। पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री ने हाल ही में दावा किया था कि उन्‍हें अपेक्षा है कि FATF का फैसला पाकिस्‍तान के पक्ष में होगा।इससे पहले हुई FATF की बैठक में पाकिस्तान के बचाव के लिए तुर्की खुलकर पैरवी की थी। उसने सदस्य देशों से कहा कि पाकिस्तान के अच्छे काम पर विचार करना चाहिए और 27 में छह मानदंडों को पूरा करने के लिए थोड़ा और इंतजार करना चाहिए। लेकिन FATF के बाकी देशों ने तुर्की के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इसके बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने तुर्की, मलेशिया और सऊदी अरब से सहायता मांगी थी।

 

गौरतलब है कि अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी सहित कई देश पाकिस्तान की  आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। FATF ने पाकिस्तान को आतंकवाद के वित्तपोषण को पूरी तरह रोकने के लिए कुल 27 कार्ययोजनाएं पूरी करने की जिम्मेदारी दी थी जिनमें से उसने अभी 21 को पूरा किया है। छह महत्वपूर्ण बिंदु पर काम पूरे नहीं कर सका है। इनमें  संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकियो मसूद अजहर आदि पर कार्रवाई भी शामिल हैं।

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