चीन में जिनपिंग प्रशासन ने लगाया लॉकडाउन, 30 साल बाद पहली बार जनता ने सत्ता को ललकारा

Edited By Yaspal,Updated: 28 Nov, 2022 07:59 PM

for the first time after 30 years the public defied the power

चीन में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए देश की साम्यवादी सरकार द्वारा अपनायी गयी सख्त नीति के खिलाफ राजधानी बीजिंग सहित देश के विभिन्न शहरों में लोगों ने अभूतपूर्व प्रदर्शन शुरू किए हैं

इंटरनेशनल डेस्क: चीन में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। देश में पिछले 24 घंटों में 40 हजार से अधिक नए मामले सामने आए हैं। ये लगातार पांचवें दिन रिकॉर्ड केस सामने आए हैं। इनमें से 3,822 लक्षण वाले थे और 36, 525 बिना लक्षण वाले। राजधानी बीजिंग में ही चार हजार मामले सामने आए हैं। वहीं, चीन में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए देश की साम्यवादी सरकार द्वारा अपनायी गई सख्त नीति के खिलाफ राजधानी बीजिंग सहित देश के विभिन्न शहरों में लोगों ने अभूतपूर्व प्रदर्शन शुरू किए हैं। जनता लॉकडाउन और आने-जाने के प्रतिबंधों को उठाने की मांग कर रही है और साथ ही चीन की पार्टी के शासन का भी विरोध शुरू हो गया है और लोग राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इस्तीफे की भी मांग कर रहे हैं। 

चीन में चल रहे प्रदर्शन बीजिंग से शुरू होकर तेजी से लॉन्चो, शियान, चोंगकिंग, वुहान, झेंगझोऊ, कोरला, होटन, ल्हासा, उरुमकी, शंघाई, नानजिंग, शिजियाझुआंग शहरों तक फैल गए हैं। पिछले तीन दिनों से इन प्रदर्शनों के दौरान कहीं-कहीं पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव की भी खबरें आ रही हैं। पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया है।

शंघाई में प्रदर्शन के दौरान बीबीसी के एक पत्रकार एड लॉरेंस को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसे रिहा करने से पहले उसके साथ मारपीट की गयी। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार प्रदर्शनकारी शी जिनपिंग से नाराज है और उनके इस्तीफा की मांग कर रहे हैं। शंघाई में चल रहे प्रदर्शन में लोगों ने गद्दी छोड़ो, साम्यवाद पार्टी गद्दी छोड़ो, चीन से प्रतिबंध हटाओ, पीसीआर टेस्ट नहीं चाहिए, पत्रकारों को आजादी दो। इस दौरान शंघाई में भारी पुलिस पल देखा गया जो लोगों को प्रदर्शन करने से रोक रहा है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन में लगातार कोरोना संक्रमण रफ्तार पकड़ रहा है जिसमें रविवार को 40 हजार मामले दर्ज किए गए। जो इस बीच अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है और देश में सक्रिय मामलों का आंकड़ा तीन लाख की संख्या को पार कर गया है। इसी कवायद में सरकार ने विभिन्न प्रकार के प्रतिबंध लगा दिए हैं। कोरोना के संक्रमण को देखते हुए सख्त लॉकडाउन लगाया है, जिसमें 66 लाख लोग घरों में कैद है। जिन्हें दैनिक जरूरत का समान लेने के लिए भी बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। जनता रोज होने वाली कोरोना की जांच से भी परेशान है। नियम का पालन न करने वाले लोगों पर सख्त कारर्वाई की जा रही है।

रिपोर्ट के अनुसार चीन में पिछले 10 महीनों से शून्य कोविड नीति लागू है, जिसे लेकर कई तरह की पाबंदियां लगायी गई हैं। चीन के शिंजियांग में 25 नवंबर को एक इमारत में आग लग गई थी। जिसमें लॉकडाउन के कारण समय से राहत नहीं पहुंच सकी और हादसे में 10 लोगों की मौत हो गयी। इस हादसे के बाद लोगों का गुस्सा और भड़क गया। उन्होंने अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया। इसके बाद से लोग सड़कों पर उतर आए और प्रदर्शन करने लगे।

रिपोर्ट के मुताबिक नए नियमों में लोगों को ढील दी गई है और आर्थिक मोर्चे पर इसका कम नुकसान पहुंचे इसका ध्यान रखा गया है। कोरोना के मामले बढ़ने से स्थानीय अधिकारी कड़े नियमों में रियायत देने को तैयार नहीं है और वह शून्य कोविड नीति को अमल में ला रहे हैं।

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