Edited By Isha,Updated: 08 Apr, 2018 03:40 PM
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि म्यामां के संकट ग्रस्त रखाइन प्रांत में बांग्लादेश से रोहिंग्याओं की वापसी के लिए स्थितियां अनुकूल नहीं हैं हालांकि म्यामां का कहना है कि वह रोहिंग्याओं की वापसी के लिए तैयार है। सेना की खूनी कार्रवाई से बचने के लिए
यांगूः संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि म्यामां के संकट ग्रस्त रखाइन प्रांत में बांग्लादेश से रोहिंग्याओं की वापसी के लिए स्थितियां अनुकूल नहीं हैं हालांकि म्यामां का कहना है कि वह रोहिंग्याओं की वापसी के लिए तैयार है। सेना की खूनी कार्रवाई से बचने के लिए अगस्त से करीब 700,000 रोहिंग्या मुसलमान भागकर सीमापार जा चुके हैं। शरणार्थिर्यों ने म्यामां और उसके सशस्त्र बलों पर हत्या एवं बलात्कार का आरोप लगाया है।
सेना ने इन आरोपों से इनकार किया और कहा कि उसका अभियान रोहिंग्या आतंकवादियों के 25 अगस्त के हमले के जवाब में वैध जवाबी कार्रवाई था। म्यामां और बांग्लादेश ने नवंबर में प्रत्यर्पण करार किया था लेकिन एक भी शरणार्थी नहीं लौटा है। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय विषयक समन्वय कार्यालय की महासचिव उर्सूला म्यूलर ने कहा , ‘‘ फिलहाल , स्थितियां स्वैच्छिक , मर्यादित और टिकाऊ वापसी के लिए अनुकूल नहीं हैं। छह दिन की म्यामां यात्रा पर आयीं म्यूलर ने कहा कि म्यामां को घूमने फिरने की आजादी , सामाजिक सौहाद्र्र , आजीविका और सेवाओं तक पहुंच के अहम मुद्दों को हल करने की जरुरत है।