अध्ययनः मनुष्य की होमो इरेक्टस प्रजाति लुप्त होने का कारण आया सामने

Edited By Tanuja,Updated: 23 Aug, 2018 02:08 PM

laziness led to extinction of homo erectus

हाल ही में हुए एक अध्ययन में सामने आया है कि मनुष्य की आदम प्रजाति होमो इरेक्टस के लुप्त होने का कारण सामने आ गया है। वैज्ञानिक अध्ययनों से स्पष्ट हो गया है कि आलस्य ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु  है...

मेलबर्नः हाल ही में हुए एक अध्ययन में सामने आया है कि मनुष्य की आदम प्रजाति होमो इरेक्टस के लुप्त होने का कारण सामने आ गया है। वैज्ञानिक अध्ययनों से स्पष्ट हो गया है कि आलस्य ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु  है। अध्ययन में पता चला है कि मनुष्य की आदिम प्रजाति होमो इरेक्टस के लुप्त होने का कारण उनका आलसी स्वभाव और बदलते वातावरण से सामंजस्य न बैठा पाना था। एक पुरातात्विक खुदाई में इस बात के प्रमाण मिले हैं कि पाषाण युग के प्रारंभ में अरब के पेनिनसुला में पाई जाने वाली मनुष्य की प्रजाति ने अपने रहन-सहन के साधन जुटाने और औजार इकट्ठा करने के लिए सबसे कम प्रयास किए।

ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के सेरी शिप्टन का कहना है कि वे ऐसे लोग थे जो खुद को हिलाना भी नहीं चाहते थे। मैंने ये कभी नहीं पाया कि उन्होंने कभी दुनिया में घुलने-मिलने की कोशिश की। पाषाण युग के बारे में यह पता चलता है कि उस दौरान मनुष्य पत्थरों की मदद से अपने लिए औजार बनाता था और ये पत्थर उसे अपने निवास स्थल के आसपास पहाड़ों से मिलते थे। होमो इरेक्टस से तात्पर्य है सीधा आदमी। यह मनुष्य की वह प्रजाति थी, जिसने सीधे खड़े होना सीख लिया था।

इनकी उत्पत्ति अफ्रीका महाद्वीप में मानी जाती है जहां ये यूरेशिया, जॉर्जिया, भारत, चीन और इंडोनेशिया तक गए। होमो इरेक्टस का सबसे पुराना अवशेष 19 लाख साल पहले का है और ताजा अवशेष 70 हजार साल पुराना है।  वैज्ञानिकों का मानना है कि ये मानव आग का प्रयोग करते थे और सामाजिक रूप से अपने पूर्व की प्रजातियों से अधिक आधुनिक भी थे। हालांकि मनुष्यों की इस प्रजाति की उत्पत्ति, वंश और संतान को लेकर शोध अभी जारी है।

 

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