इस रेगिस्तान में जमीन के अंदर  रह रहे लोग, चर्च और बार-रेस्त्रां का भी इंतजाम (pics)

Edited By Tanuja,Updated: 04 Nov, 2018 02:44 PM

living beneath the ground in an australian desert

दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के सिम्पसन रेगिस्तान के कूबर पेडी इलाके में  लोग बीते 100 साल से जमीन के अंदर घर बनाकर रह रहे हैं...

सिडनीः दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के सिम्पसन रेगिस्तान के कूबर पेडी इलाके में  लोग बीते 100 साल से जमीन के अंदर घर बनाकर रह रहे हैं। इन लोगों ने जमीन के अंदर ही जरूरत की सभी चीजें जैसे- बार, चर्च, रेस्त्रां जुटा रखा है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, इस इलाके पर हाल ही में चिली की फोटोग्राफर तमारा मेरिनो और उनके पार्टनर की नजर पड़ी। ये दोनों सिम्पसन रेगिस्तान पार कर रहे थे।
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मेरिनो कुछ दिन कूबर पेडी में रहीं और यहां के लोगों से मुलाकात की। वह बताती हैं, "हमारे और यहां रह रहे लोगों में कोई फर्क नहीं है। वे कोई गुफा में रह रहे इंसान नहीं हैं। वे सामान्य लोग हैं जिन्होंने जीने के लिए अलग रास्ता चुना है।'' तमारा मेरिनो बताती हैं- कूबर पेडी में 1915 में पहली बार दुनियाभर से लोगों ने दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के इस इलाके में आना शुरू किया था। ये लोग कीमती पत्थर ओपल (दूधिया) की खुदाई करना चाहते थे ताकि अच्छी जिंदगी गुजार सकें। यहां आने के बाद लोग अपना परिवार लाए। उनके बच्चे यहीं पैदा हुए। वे खेलने के लिए जमीन के ऊपर भी जाते हैं। आज जमीन के अंदर एक कई देशों की मिलीजुली संस्कृति वाला शहर जैसा बस चुका है। यहां करीब 45 देशों के लोग रह रहे हैं।
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मेरिनो के मुताबिक अगर कोई सामान्य तरीका छोड़कर इस तरह जमीन के नीचे रहता है तो इसके पीछे आर्थिक-सांस्कृतिक कारण और जलवायु जिम्मेदार हो सकती है। यहां का तापमान दिन में 100 डिग्री फॉरेनहाइट (करीब 38 डिग्री सेल्सियस) और रात में फ्रीजिंग पॉइंट तक चला जाता है। दिन में धूल भरी आंधियां भी चलती हैं। इसी से बचने के लिए लोगों ने जमीन के नीचे रहने का फैसला लिया। मेरिनो ने कूबर पेडी में बने घरों की कई तस्वीरें लीं। इनमें लोगों ने किचन, हॉल से लेकर डाइनिंग रूम तक सब बना रखा है। घरों में बर्तन, डाइनिंग टेबल, टीवी, कैबिनेट और साज-सज्जा हमारे आम घरों जैसी ही है। जमीन के अंदर ही उन्होंने सर्बियाई ऑर्थोडॉक्स चर्च भी बनाया है।
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इन लोगों की अर्थव्यवस्था खुदाई से मिलने वाले ओपल पर निर्भर करती है। मेरिनो बताती हैं यहां कई लोग ओपल बेचकर करोड़पति हो गए, लेकिन पार्टियों के शौकीन कुछ लोगों ने सब गंवा भी दिया। तमारा मेरिनो के मुताबिक- यहां रह रहे बच्चे बड़े हो रहे हैं। उन्हें ओपल की खदानें वन टाइम इंवेस्टमेंट की तरह लगती हैं। युवा कोई स्थायी रोजगार चाहते हैं क्योंकि खदानों की गारंटी नहीं है। एक ओपल के लिए जमीन के अंदर 30 मीटर तक खुदाई करनी पड़ती है।

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